समाजवादी पार्टी (sp) की महाराष्ट्र इकाई ने शनिवार को घोषणा की कि वह महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन से अलग हो रही है। समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र इकाई ने ये कदम शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी द्वारा अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस पर एक पोस्ट के बाद उठाया गया। बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा में समाजवादी पार्टी के दो विधायक हैं।
अबू आजमी ने क्या कहा?
विज्ञापन पर विरोध जताते हुए महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी इकाई के प्रमुख अबू आजमी ने कहा, “शिवसेना (UBT) द्वारा एक अखबार में विज्ञापन दिया गया, जिसमें बाबरी मस्जिद को गिराने वालों को बधाई दी गई। उनके (उद्धव ठाकरे) सहयोगी ने भी एक्स पर मस्जिद के विध्वंस की सराहना करते हुए पोस्ट किया है। हम MVA से अलग हो रहे हैं।”
अबू आज़मी (abu azmi) ने कहा आगे कहा, “अगर MVA में कोई इस तरह की भाषा बोलता है, तो बीजेपी और उनमें क्या फर्क रह जाता है? हमें उनके साथ क्यों रहना चाहिए?”
ऐसा क्या हुआ कि SP ने अलग होने का लिया फैसला
दरअसल, शिवसेना (UBT) के विधान परिषद सदस्य (MLC) मिलिंद नार्वेकर ने 6 दिसंबर को घटना की 32वीं वर्षगांठ पर अखबार में एक विदिया था। जिसमें मस्जिद के विध्वंस की सराहना की गई थी। वहीं मिलिंद नार्वेकर ने मस्जिद विध्वंस की एक तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर भी की। जिसमें उन्होंने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे द्वारा बोले जाने वाला कथन भी लिखा था, “मुझे गर्व है उन पर जिन्होंने यह किया।” बता दें कि इस पोस्ट में उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और नार्वेकर की तस्वीरें भी शामिल थीं।
शनिवार को इस टकराव का असर साफ दिखा जब समाजवादी पार्टी के विधायकों ने नवगठित विधानसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली, जबकि MVA ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया।
मानखुर्द शिवाजी नगर से चौथी बार विधायक पद की शपथ लेने वाले अबू आज़मी ने कहा कि टिकट वितरण के दौरान समाजवादी पार्टी से कोई संपर्क नहीं किया गया और न ही चुनाव के दौरान कोई समन्वय हुआ। MVA विधायकों के शपथ न लेने पर आज़मी ने कहा, “इससे हमारा क्या लेना-देना? टिकट वितरण के दौरान हमसे संपर्क नहीं किया गया और चुनाव के दौरान भी कोई समन्वय नहीं था।”
महायुति गठबंधन ने महा विकास अघाड़ी को बड़े अंतर से हराया
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी, शिनसेना (शिंदे गुट), एनसीपी ( अजित पवार) के नेतृत्व वाली महायुति गठबंधन ने महा विकास अघाड़ी पर जीत हासिल की। 288 सीटों में से महायुति ने 230 सीटे जीती थीं। जिसमें बीजेपी 132 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। वहीं शिवसेना ने 57 और राकांपा ने 41 सीटें जीतीं। वहीं महा विकास अघाड़ी महज 46 सीटें ही जीत पाई। जिसमें से उद्धव ठाकरें 20 शरद गुट की एनसीपी ने 0 और कांग्रेस ने 16 सीट पर जीत हासिल की थी।