Russia-Ukraine War: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के लिए यह बड़ा झटका है कि उनके ही सैनिक अब युद्ध से पीछे हट रहे हैं। इस साल जनवरी से अक्टूबर के बीच रिकॉर्ड संख्या में यूक्रेनी सैनिकों ने रणक्षेत्र छोड़ दिया है। यह संख्या पिछले दो सालों की तुलना में सबसे अधिक है।
60,000 सैनिकों ने छोड़ा अपना पद
यूक्रेन की सेना में इस साल जनवरी से अक्टूबर के बीच लगभग 60,000 सैनिकों ने अपने पद छोड़ दिए हैं। यह संख्या पिछले दो वर्षों की तुलना में दोगुनी है। यूक्रेन के अभियोजकों ने इन सैनिकों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं। यदि दोषी पाए जाते हैं, तो इन सैनिकों को 12 साल तक की जेल हो सकती है।
यूक्रेन के सैन्य विश्लेषक ओलेक्सांद्र कोवालेंको के अनुसार, ‘यह समस्या बहुत गंभीर है। यह युद्ध का तीसरा वर्ष है, और यह समस्या और बढ़ेगी।’ कई सैनिक चिकित्सा अवकाश लेते हैं और फिर कभी वापस नहीं लौटते। वे युद्ध के आघात से पीड़ित हैं और जीत की कम संभावनाओं से निराश हैं।
थक रहे है यूक्रेन के सैनिक
यूक्रेनी सेना में पलायन के कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण है सैनिकों की थकान और मनोबल की कमी। लगातार तीन साल से चल रहे इस युद्ध में कई सैनिक बिना किसी आराम या रोटेशन से लड़ रहे हैं। इसके अलावा, हथियारों और गोला-बारूद की कमी भी एक बड़ी समस्या है।
पलायन का सबसे बड़ा प्रभाव यूक्रेन की सैन्य क्षमता पर पड़ रहा है। कई इकाइयां अपने पद छोड़ रही हैं, जिससे रक्षा पंक्तियाँ कमजोर हो रही हैं और क्षेत्रीय नुकसान तेज हो रहा है। उदाहरण के लिए, वुहलेदार नामक एक महत्वपूर्ण शहर को यूक्रेन ने इसी कारण खो दिया।
वादा किए गए सैन्य उपकरण में हो रही देरी
अमेरिका ने यूक्रेन से सैनिकों की भर्ती बढ़ाने और भर्ती की उम्र 18 साल तक कम करने का सुझाव दिया है। लेकिन यह प्रस्ताव विवादास्पद है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के सलाहकार द्मित्रो लित्विन ने कहा है कि जब पहले से वादा किए गए सैन्य उपकरण में देरी हो रही है, तो भर्ती की उम्र कम करने का दबाव डालना तर्कहीन है।
नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के जनवरी में पदभार संभालने के बाद अमेरिकी सहायता में कटौती की संभावना है। इसके अलावा, रूस पूर्वी यूक्रेन में तेजी से आगे बढ़ रहा है। 2024 में रूस ने लगभग 2,700 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है, जो पिछले साल की तुलना में बहुत अधिक है।