Unified Pension Scheme: महाराष्ट्र सरकार की न्यू पेंशन स्कीम को मंजूरी, ऐसी घोषणा करने वाला बना देश का पहला राज्य
Unified Pension Scheme: महाराष्ट्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को राज्य में लागू करने की घोषणा की है। जिसके बाद महाराष्ट्र नई पेंशन स्कीम लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। महाराष्ट्र सरकार ने ये निर्णय मोदी कैबिनेट द्वारा UPS को मंजूरी देने के 24 घंटे बाद लिया है। ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि अन्य राज्य विशेषकर एनडीए शासित राज्य भी इसे अपने यहां लागू कर सकती हैं।
बता दें कि केंद्र सरकार ने दो दिन पहले 24 अगस्त को न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में सुधार कर UPS लेकर आई थी। सरकार ने कहा था कि राज्य सरकार चाहें तो वे भी इस स्किम को अपने यहां लागू कर सकती हैं। अगर राज्य सरकारें UPS को चुनती हैं, तो लाभार्थियों की संख्या लगभग 90 लाख होगी। सरकार के अनुसार, बकाया राशि के लिए खर्च 800 करोड़ रुपए होगा। पहले साल में सालाना खर्च में लगभग 6,250 करोड़ रुपए की वृद्धि होगी।
इस साल मार्च से प्रभावी
महाराष्ट्र सरकार यूनिफाइड पेंशन स्कीम को इस साल मार्च से प्रभावी करेगी। जिसका लाभ राज्य के सभी कर्मचारियों मिलेगा। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार द्वारा लिया गया ये फैसला काफी अहम बताया जा रहा है। इस फैसले का असर विधानसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है। बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल नवंबर में समाप्त हो रहा है। राज्य में इसी साल चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है।
कैसे मिलेगा नई पेंशन योजना से लाभ
इस स्किम के तहत 50 फीसदी सुनिश्चित पेंशन योजना का लाभ न्यूनतम 25 साल की सेवा पूरी करने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए है। इन कर्मचारियों को रिटायरमेंट से पहले आखिरी के 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा।
पारिवारिक पेंशन योजना के तहत, पेंशनभोगी के परिवार को उनकी मृत्यु के समय मिली पेंशन का 60 प्रतिशत मिलेगा। वहीं, न्यूनतम 10 साल की सेवा देने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए, रिटायरमेंट के बाद 10,000 रुपए हर महीने पेंशन मिलेगी।
बता दें कि वर्तमान पेंशन योजना के मुताबिक कर्मचारी 10% का योगदान देते हैं। केंद्र सरकार 14 प्रतिशत का योगदान देती है, जिसे यूपीएस के साथ बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया जाएगा।
राजनीतिक दल इस मुद्दे पर राजनीति ना करें
वहीं राज्यों से इस योजना को लागू करने का आग्रह करते हुए केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के शीर्ष प्रतिनिधियों ने कहा कि राजनीतिक दलों को इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि ओपीएस (OPS) सबसे अच्छा विकल्प है क्योंकि इसमें कर्मचारियों को कोई योगदान करने की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन वे UPS से संतुष्ट हैं।