Unified Pension Scheme: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने शनिवार को सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन योजना को मंजूरी दे दी है। इस निर्णय की घोषणा सूचना और प्रसारण और रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान की। वैष्णव ने बताया कि नई यूनिफाइड पेंशन योजना से 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
लाभार्थियों की संख्या लगभग 90 लाख होगी
सूचना और प्रसारण मंत्री ने बताया कि राज्य सरकारों को भी यूनिफाइड पेंशन योजना (UPS) का विकल्प चुनने का मौका दिया जाएगा। अगर राज्य सरकारें UPS को चुनती हैं, तो लाभार्थियों की संख्या लगभग 90 लाख होगी। सरकार के अनुसार, बकाया राशि के लिए खर्च 800 करोड़ रुपए होगा। पहले साल में सालाना खर्च में लगभग 6,250 करोड़ रुपए की वृद्धि होगी।
1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी योजना
बता दें कि यह योजना 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी। केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) और यूनिफाइड पेंशन योजना (UPS) के बीच चुनने का विकल्प दिया जाएगा। मौजूदा केंद्रीय सरकारी NPS ग्राहकों को भी UPS में स्विच करने का विकल्प दिया जाएगा।
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NPS के बजाय UPS चुनने से लाभ होगा
प्रेस ब्रीफिंग में बताया गया कि अधिकांश केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को NPS के बजाय UPS चुनने से लाभ होगा। NPS उन सरकारी कर्मचारियों पर लागू होती है जिन्होंने 1 अप्रैल 2004 या उसके बाद अपनी सेवा शुरू की हैं।
कैसे मिलेगा लाभ
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 50 फीसदी सुनिश्चित पेंशन योजना का लाभ न्यूनतम 25 साल की सेवा पूरी करने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए है। इन कर्मचारियों को रिटायरमेंट से पहले आखिरी के 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा।
वैष्णव ने आगे कहा कि पारिवारिक पेंशन योजना के तहत, पेंशनभोगी के परिवार को उनकी मृत्यु के समय मिली पेंशन का 60 प्रतिशत मिलेगा। वहीं, न्यूनतम 10 साल की सेवा देने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए, रिटायरमेंट के बाद 10,000 रुपए हर महीने पेंशन मिलेगी।
बता दें कि वर्तमान पेंशन योजना के मुताबिक कर्मचारी 10% का योगदान देते हैं। केंद्र सरकार 14 प्रतिशत का योगदान देती है, जिसे यूपीएस के साथ बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया जाएगा।
‘नई पेंशन योजनाएं कर्मचारियों के लिए चिंता का विषय रही हैं’
इस निर्णय की घोषणा करते हुए वैष्णव ने कहा कि नई पेंशन योजनाएं सरकारी कर्मचारियों के लिए चिंता का विषय रही हैं, जिन्होंने कुछ बदलाव की मांग की थी। इन मांगों के जवाब में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कैबिनेट सचिव टी.वी. सोमनाथन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया। इस समिति ने गहन जांच की और विभिन्न संगठनों के साथ 100 से अधिक बैठकों और लगभग सभी राज्यों के साथ बातचीत की। यूनिफाइड पेंशन योजना का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों द्वारा उठाई गई चिंताओं को दूर करना और पेंशन प्रणाली को अधिक दक्षता और प्रभावशीलता के लिए सुव्यवस्थित करना है।
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