Manipur Voilence : मणिपुर हिंसा के बाद राज्य और केंद्र सरकार मणिपुर में शांति लाने के लिए कई प्रयास कर रही थी। बुधवार को सरकार को इस दिशा में बड़ी सफलता मिली है। मणिपुर का सबसे पुराना विद्रोही समूह स्थायी शांति समझौते पर सहमत हो गया है। सरकार इस ग्रुप से कई दिनों से बातचीत कर रही थी। यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) ने बुधवार को स्थायी शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर यह जानकारी दी।
“एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर कहा, “मणिपुर में घाटी स्थित सबसे पुराना सशस्त्र समूह यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF), हिंसा छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने पर सहमत हो गया है।” मैं लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में उनका स्वागत करता हूं। मैं उन्हें उनकी यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
A historic milestone achieved!!!
Modi govt’s relentless efforts to establish permanent peace in the Northeast have added a new chapter of fulfilment as the United National Liberation Front (UNLF) signed a peace agreement, today in New Delhi.
UNLF, the oldest valley-based armed… pic.twitter.com/AiAHCRIavy
— Amit Shah (@AmitShah) November 29, 2023
3 मई को भड़की थी हिंसा
उल्लेखनीय है कि मेइतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (ST) दर्जे की मांग के विरोध में तीन मई को मणिपुर के पहाड़ी जिलों में आयोजित ‘आदिवासी एकता मार्च’ के बाद भड़की हिंसा में अब तक 180 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। मणिपुर की लगभग 53 प्रतिशत जनसंख्या माइटी है। वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी (नागा और कुकी) आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं। ये मुख्यतः पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
क्या है यूएनएलएफ ?
यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) को यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ मणिपुर (Manipur Voilence) के नाम से भी जाना जाता है। यह पूर्वोत्तर भारतीय राज्य मणिपुर में सक्रिय एक अलगाववादी विद्रोही समूह है। इसका उद्देश्य एक संप्रभु और समाजवादी मणिपुर की स्थापना करना है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सितंबर 2012 में स्वीकार किया कि यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट की गतिविधियों का उद्देश्य मणिपुर राज्य में संप्रभुता लाना था। यूएनएलएफ प्रमुख सना याइमा का मानना है कि मणिपुर (Manipur Voilence) में मार्शल लॉ लागू है। उन्होंने मणिपुर में हुए चुनावों के चरित्र और औचित्य पर सवाल उठाए। उनका मानना है कि इस संघर्ष को हल करने का सबसे लोकतांत्रिक तरीका जनमत संग्रह है।
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