ISI spy case

Honey Trapped: ISI एजेंट नेहा के चक्कर में फसें आर्डिनेंस फैक्ट्री के रविंद्र, बेच दिए अहम दस्तावेज

फिरोजाबाद जिले की हजरतपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में चार्जमैन के पद पर काम कर रहे रविंद्र कुमार को यूपी ATS ने 14 मार्च को आगरा से गिरफ्तार किया। उन पर आरोप है कि उन्होंने ISI के लिए जासूसी की। इस मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है कि ISI एजेंट नेहा शर्मा ने खुद को ISRO की टेक्निकल ऑफिसर बताकर रविंद्र को अपने जाल में फंसाया था।

दरअसल, रविंद्र ने सोशल मीडिया पर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की तस्वीरें शेयर की थीं। इसके बाद नेहा शर्मा ने उन्हें फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी और बातचीत शुरू की। खुद को ISRO में टेक्निकल ऑफिसर बताकर नेहा ने रविंद्र से दोस्ती बढ़ाई और धीरे-धीरे उनकी बातचीत वीडियो कॉल तक पहुंच गई। इस दौरान नेहा ने रविंद्र से फैक्ट्री की ड्यूटी, कामकाज और गोपनीय जानकारियां हासिल कीं।

ATS की जांच में सामने आया है कि रविंद्र के बैंक अकाउंट में तीन बार अनजान खातों से पैसे आए थे। इसके अलावा, उनके मोबाइल से ड्रोन, गगनयान प्रोजेक्ट, और कई गोपनीय दस्तावेज भी मिले हैं। अब ATS इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है।

रविंद्र के खाते में आये थे रूपए 

जांच में सामने आया है कि रविंद्र ने कुछ अहम दस्तावेज ISI को भेजे थे, जिसके बदले उसके बैंक खाते में तीन बार अज्ञात स्रोतों से पैसे आए। अब ATS इन बैंक खातों की जांच कर रही है ताकि यह पता चल सके कि पैसे कहां से और किसके जरिए भेजे गए। रविंद्र ने ये जानकारी वॉट्सएप पर नेहा को भेजी थी, जिसे उसने अपने फोन में ‘चंदन स्टोर कीपर 2’ के नाम से सेव कर रखा था।

मेरे पति को साजिश के तहत फंसाया गया

रविंद्र की पत्नी आरती ने अपने पति को निर्दोष बताते हुए कहा, “मेरे पति को साजिश के तहत फंसाया गया है। उन पर मानसिक दबाव बनाया गया होगा। वह बहुत अच्छे इंसान हैं और हमेशा सही रास्ते पर चलते हैं। घर और आसपास के लोग भी उनके बारे में अच्छी राय रखते हैं। एटीएस ने मोबाइल जांचने के बहाने उन्हें ले जाकर इतना बड़ा मामला बना दिया, जो बिल्कुल गलत है।”

ISI spy case

8 बजे जाते थे और 10 बजे लौटते

रविंद्र के पड़ोसी सुधांशु गुप्ता भी हैरान हैं। उन्होंने कहा, “हम यहां 70 साल से रह रहे हैं। रविंद्र का परिवार बहुत अच्छा है। वह रोज़ सुबह 8 बजे काम पर जाते थे और रात 10 बजे लौटते थे। हमें कभी नहीं लगा कि वह ऐसी किसी गतिविधि में शामिल हो सकते हैं।”

ATS को क्या मिले सबूत 

ATS ने रविंद्र को आगरा के बुंदू कटरा इलाके से गिरफ्तार किया। उसके मोबाइल से मिले सबूतों में एक फैक्ट्री की रोज़ाना उत्पादन रिपोर्ट, ड्रोन से जुड़ी जानकारी और गगनयान प्रोजेक्ट से संबंधित दस्तावेज मिले हैं।

मूलरूप से MP का है रविंद्र

रविंद्र, जो मूल रूप से मध्य प्रदेश के शिवपुरी का रहने वाला है, कई सालों से अपने परिवार के साथ आगरा में रह रहा था। उसके परिवार में उसकी पत्नी, मां और दो बेटे शामिल हैं। एटीएस ने उसकी गिरफ्तारी की जानकारी परिवार को दे दी है और अब मामले की गहराई से जांच कर रही है।

आगे क्या होगा?

ATS यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि रविंद्र कब से ISI के लिए काम कर रहा था और उसने कितनी अहम जानकारी लीक की। उसके बैंक खाते और सोशल मीडिया चैट्स की फॉरेंसिक जांच की जा रही है, जिससे और खुलासे होने की उम्मीद है। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा होने की वजह से बेहद संवेदनशील माना जा रहा है।

 

 

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