उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को यूपी मदरसा एक्ट पर (up madarsa act) सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने यूपी मदरसा एक्ट को संवैधानिक बताया है। कोर्ट ने मदरसों में पढ़ने वाले लाखों छात्रों को राहत देते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है। बता दें कि हाईकोर्ट ने अपने फैसले में मदरसा एक्ट को संविधान के खिलाफ बताया था।
SC upholds UP Madrasa Act; 'Fazli, Kamil' providing higher education degree unconstitutional
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— ANI Digital (@ani_digital) November 5, 2024
तीन जजों की पीठ ने सुनाया फैसला
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचुड़, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने आज यूपी मदरसा एक्ट पर यह फैसला सुनाया है। फैसला सुनाते हुए तीन जजों की पीठ ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जो फैसला सुनाया है वह सही नहीं है। पीठ ने इस एक्ट को भी सही बताया।
मदरसा को डीग्री देना का अधिकार नहीं
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इस एक्ट में मदरसा बोर्ड को फाजिल, कामिल जैसी डिग्री देने का अधिकार दिया गया है, जो की गलत है। ये अधिकार यूजीसी एक्ट के खिलाफ है। इन अधिकारों को एक्ट से हटा देना चाहिए। डिग्री देना असंवैधानिक है, बाकी एक्ट संवैधानिक है।
‘धार्मिक शिक्षा देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता’
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में आगे कहा कि मदरसा मजहबी शिक्षा देता है, उसका मुख्य उद्देश्य शिक्षा देना ही है। लेकिन किसी भी छात्रा को धार्मिक शिक्षा देने के लिए बाध्य भी नहीं किया जा सकता है। तीन जजों की पीठ ने राज्य सरकार से कहा कि वो चाहें तो शिक्षा को नियमित करने के लिए कानून बना सकती है। इसमें सिलेबस, छात्रों के स्वास्थ्य जैसे की मुद्दों को शामिल किया जा सकता है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्या सुनाया था फैसला
इस साल 22 मार्च को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने फैसला सुनाते हुए यूपी मदरसा बोर्ड एक्ट को असंवैधानिक करार दिया था। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में इसे संविधान के मौलिक ढ़ांचे के खिलाफ बताते हुए मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों का एडमिशन सामान्य स्कूल में करवाने का आदेश दिया था।
16 हजार मदरसों को राहत
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यूपी में चलने वाले 16 हजार मदरसों को राहत मिल गई है। बता दें कि सूबे में लगभग 23,500 मदरसे चलते हैं, जिनमें से 16, 513 मदरसों को मान्यता प्राप्त है।
जानें क्या है यूपी मदरसा एक्ट?
साल 2004 में यूपी मदरसा एक्ट कानून लाया गया था। इस कानून का उद्देश्य मदरसा शिक्षा को व्यवस्थित करना था। इसमें मदरसा शिक्षा को अरबी, उर्दू, फारसी, इस्लामी अध्ययन, तिब्ब (पारंपरिक चिकित्सा), दर्शन और अन्य विषयों की शिक्षा के रूप में बताया गया। बता दें कि यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड स्नातक और पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री भी देता है जिसे कामिल और फाजिल कहा जाता है।
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