upi-2024-records-digital-payments-growth

UPI ने 2024 में बनाए नए रिकॉर्ड, डिजिटल पेमेंट्स में बड़ी बढ़त

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने एक बार फिर अपनी सफलता के नए रिकॉर्ड बना दिए हैं। भारत में डिजिटल भुगतान के बढ़ते चलन के बीच, यूपीआई ने 2024 में अब तक के सबसे ज्यादा ट्रांजैक्शन किए हैं। वित्त मंत्रालय ने शनिवार को कुछ अहम आंकड़े जारी किए हैं, जिनसे यूपीआई की लोकप्रियता और प्रभाव साफ नजर आता है।

वित्त मंत्रालय के मुताबिक, जनवरी से लेकर नवंबर 2024 तक यूपीआई के जरिए कुल 15,547 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए, जिनकी कुल राशि 223 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। ये आंकड़े भारत में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के बढ़ते चलन और डिजिटल पेमेंट्स की आदतों में बदलाव को दर्शाते हैं।

अक्टूबर में सबसे बड़ा रिकॉर्ड

अक्टूबर 2024 में यूपीआई ने एक नया रिकॉर्ड बनाया। इस महीने में कुल 16.58 अरब ट्रांजैक्शन हुए, जिनका कुल मूल्य 23.50 लाख करोड़ रुपये था। यह आंकड़ा यूपीआई की बढ़ती स्वीकार्यता और भारत में डिजिटल पेमेंट्स की ताकत को साबित करता है।

नवंबर में 38 प्रतिशत का उछाल

नवंबर 2024 में भी यूपीआई ट्रांजैक्शन में जबरदस्त वृद्धि हुई। नवंबर में पिछले साल के मुकाबले ट्रांजैक्शन की संख्या में 38 प्रतिशत का इजाफा हुआ। कुल मिलाकर, नवंबर में 15.48 अरब ट्रांजैक्शन हुए, जिनका कुल मूल्य साल दर साल 24 प्रतिशत बढ़कर 21.55 लाख करोड़ रुपये हो गया।

रुपे क्रेडिट कार्ड से बढ़े ट्रांजैक्शन

इससे पहले सरकार ने बताया था कि वित्त वर्ष 2025 के पहले सात महीनों में यूपीआई के जरिए रुपे क्रेडिट कार्ड से होने वाले ट्रांजैक्शन की संख्या, वित्त वर्ष 2024 के मुकाबले करीब दोगुनी हो गई है। अप्रैल से अक्टूबर 2024 तक 750 मिलियन से ज्यादा यूपीआई रुपे क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन किए गए, जिनकी कुल राशि 63,825.8 करोड़ रुपये थी। वहीं, वित्त वर्ष 2024 में 362.8 मिलियन ट्रांजैक्शन हुए थे, जिनकी कुल राशि 33,439.24 करोड़ रुपये थी।

यूपीआई की सुविधा का विस्तार

सरकार ने सितंबर 2022 में रुपे क्रेडिट कार्ड पर यूपीआई ट्रांजैक्शन की सुविधा शुरू की थी, जो अब और ज्यादा पॉपुलर हो रही है। इसके जरिए रुपे क्रेडिट कार्ड के उपयोगकर्ता यूपीआई ऐप के माध्यम से पेमेंट कर सकते हैं, जिससे डिजिटल पेमेंट्स और भी आसान हो गए हैं।

कब बना UPI?

यूपीआई को भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने 2016 में लॉन्च किया था। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो अलग-अलग बैंक अकाउंट्स को एक ही मोबाइल एप्लिकेशन में जोड़ता है, जिससे यूजर्स को ऑनलाइन पेमेंट करना आसान और सुरक्षित हो जाता है। लॉन्चिंग के बाद से यूपीआई ने लगातार सफलता के नए कीर्तिमान बनाए हैं और अब यह भारत के डिजिटल पेमेंट्स का अहम हिस्सा बन चुका है।

सरकार का डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा

भारत सरकार लगातार डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रही है। इसके चलते अब लाखों लोग डिजिटल पेमेंट्स का हिस्सा बन चुके हैं और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के जरिए अपने रोजमर्रा के लेन-देन को पूरा कर रहे हैं। यूपीआई का बढ़ता हुआ उपयोग इस बात का गवाह है कि भारत में डिजिटल पेमेंट्स का भविष्य काफी उज्जवल है और आने वाले समय में यह और भी पॉपुलर होने वाला है।