डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी के बाद अमेरिका ने यमन के हूतियों पर हवाई हमले शुरू कर दिए हैं। इन हमलों में कम से कम 25 लोग मारे गए और कई घायल हुए हैं। ट्रंप ने पहले ही चेताया था कि अगर लाल सागर में जहाजों पर हमले जारी रहे, तो उसका कड़ा जवाब दिया जाएगा।
ये हमले तब हुए जब हूतियों ने धमकी दी कि अगर गाजा में मानवीय मदद पर लगे प्रतिबंध को नहीं हटाया गया, तो वे लाल सागर में इजराइल से जुड़े जहाजों पर हमले फिर से शुरू कर देंगे। बता दें कि इजराइल ने तीन हफ्तों से गाजा में किसी भी तरह की मदद भेजने पर रोक लगा रखी है, जिससे वहां करीब 20 लाख लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। इसी के जवाब में हूतियों ने हमले की धमकी दी थी, जिसके बाद अमेरिका ने यमन पर एयरस्ट्राइक कर दी।
CENTCOM Forces Launch Large Scale Operation Against Iran-Backed Houthis in Yemen
On March 15, U.S. Central Command initiated a series of operations consisting of precision strikes against Iran-backed Houthi targets across Yemen to defend American interests, deter enemies, and… pic.twitter.com/u5yx8WneoG
— U.S. Central Command (@CENTCOM) March 15, 2025
दिसंबर में किया था आखिरी हमला
यमन के हूतियों ने लाल सागर में आखिरी हमला दिसंबर में किया था। इसके बाद, गाजा में संघर्ष विराम होने पर उन्होंने अपने हमले रोक दिए थे। लेकिन अब अमेरिकी राष्ट्रपति ने हूती हमलों को रोकने के लिए नए हमले करने का आदेश दिया है। व्हाइट हाउस ने भी इशारा दिया है कि यह सिर्फ एक बार की कार्रवाई नहीं होगी, बल्कि लंबा अभियान हो सकता है।
व्हाइट हाउस की प्रेस रिलीज के मुताबिक, पहले हर साल करीब 25,000 जहाज लाल सागर से गुजरते थे, लेकिन अब यह संख्या घटकर 10,000 रह गई है। इससे साफ है कि राष्ट्रपति का यह दावा गलत है कि अब इस रास्ते से कोई जहाज नहीं गुजरता। रिपोर्ट के अनुसार, 2023 से अब तक अमेरिकी वाणिज्यिक जहाजों पर 145 बार हमले हो चुके हैं। आखिरी हमला दिसंबर में हुआ था, जोकि ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले की बात है।
गाजा में इजराइल की कार्रवाई
गाजा में संघर्ष विराम के बावजूद इजराइल के हमले थम नहीं रहे हैं। ताजा हमलों में बेत लाहिया में राहतकर्मियों और पत्रकारों समेत कम से कम नौ लोगों की जान चली गई। हमास ने इन हमलों को सीजफायर का उल्लंघन बताया है, जबकि इजराइली सेना का कहना है कि वे बंधकों की रिहाई के लिए दबाव बनाने के मकसद से गाजा में सीमित सैन्य कार्रवाई कर सकते हैं।