अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को भारत की टैरिफ (आयात शुल्क) व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भारत में ऊंचे टैरिफ की वजह से वहां कुछ भी बेचना मुश्किल हो जाता है। ट्रंप ने दावा किया कि अब भारत अपने टैरिफ को कम करने के लिए राजी हो गया है।
ट्रंप पहले ही ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ (पारस्परिक शुल्क) लागू करने की बात कह चुके हैं, जिसमें भारत भी शामिल है। दूसरी ओर, भारत द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर जोर दे रहा है।
व्हाइट हाउस से दिए गए अपने बयान में ट्रंप ने कहा, “भारत हमसे बहुत ज्यादा टैरिफ वसूलता है, जिससे वहां व्यापार करना मुश्किल होता है। लेकिन अब वे इसे कम करने को तैयार हैं, क्योंकि कोई है जो सच्चाई सबके सामने रख रहा है।”
भारत, चीन और दक्षिण कोरिया पर टैरिफ को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया
#WATCH | Washington, DC: US President Donald Trump says, “…India charges us massive tariffs. Massive. You can’t even sell anything in India…They have agreed, by the way; they want to cut their tariffs way down now because somebody is finally exposing them for what they have… pic.twitter.com/XwytKPli48
— ANI (@ANI) March 7, 2025
अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत, चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देश अमेरिका के उत्पादों पर बहुत ज्यादा टैरिफ लगाते हैं। उन्होंने कहा, “भारत हमसे 100% से ज्यादा टैरिफ वसूलता है, चीन का औसत टैरिफ हमसे दोगुना है और दक्षिण कोरिया का चार गुना। यह हमारे दोस्तों और दुश्मनों दोनों द्वारा किया जा रहा है, जो अमेरिका के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है।”
ट्रंप ने यह भी ऐलान किया कि 2 अप्रैल से अमेरिका पारस्परिक टैरिफ (Reciprocal Tariff) लागू करेगा। इसका मतलब यह है कि अगर कोई देश अमेरिका के उत्पादों पर टैक्स लगाएगा, तो अमेरिका भी उसी हिसाब से उस देश के उत्पादों पर टैक्स लगाएगा। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि यह फैसला 1 अप्रैल से लागू नहीं होगा, क्योंकि उस दिन अप्रैल फूल डे होता है।
उन्होंने आगे कहा, “अगर व्यापारिक साझेदार हमें अपने बाजार में घुसने से रोकने के लिए अलग-अलग तरह के शुल्क लगाते हैं, तो हम भी अपने बाजार में उनके लिए वही नियम लागू करेंगे।” ट्रंप का मानना है कि इससे अमेरिका को खरबों डॉलर का फायदा होगा और लाखों नई नौकरियां पैदा होंगी। उन्होंने कहा, “हम दशकों से नुकसान सह रहे थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।”
कनाडा और यूरोप को भी नहीं बक्शा
अमेरिका जल्द ही “रेसिप्रोकल टैरिफ” (पारस्परिक शुल्क) लागू करने की तैयारी कर रहा है, जो 2 अप्रैल से प्रभावी होगा। इसका मतलब यह है कि अगर कोई देश अमेरिकी सामानों पर ज्यादा टैक्स लगाता है, तो अमेरिका भी उनके उत्पादों पर उतना ही टैक्स लगाएगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका अब उन देशों को और फायदा नहीं उठाने देगा जो अमेरिकी सामानों पर ज्यादा शुल्क लगाते हैं, खासकर भारत, कनाडा और यूरोपीय संघ। उन्होंने कनाडा की आलोचना की, क्योंकि वहां अमेरिकी दूध उत्पादों पर 250% तक टैक्स लगाया जाता है। वहीं, यूरोपीय संघ पर आरोप लगाया कि इसे अमेरिका का आर्थिक फायदा उठाने के लिए बनाया गया था।
भारत द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर दे रहा जोर
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कांग्रेस के संयुक्त सत्र में भारत के आयात शुल्क (टैरिफ) को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि भारत, अमेरिका से आयात किए जाने वाले वाहनों पर 100% से ज्यादा टैक्स लगाता है। इससे पहले, फरवरी में ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको से आयातित सामान पर 25% और चीन से आने वाले उत्पादों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की थी।
इस मामले में भारत की रणनीति थोड़ी अलग है। भारत, अमेरिका के साथ ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ (यानी समान टैक्स दर) के बजाय द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर ज़ोर दे रहा है, ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार को ज्यादा संतुलित और फायदेमंद बनाया जा सके।
विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने शुक्रवार को बताया कि भारत-अमेरिका के बीच इस समझौते को लेकर बातचीत जारी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान दोनों देशों ने एक बेहतर व्यापार समझौते पर चर्चा करने की योजना बनाई थी। अब इस दिशा में आगे बढ़ते हुए, दोनों देश बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं।