US to ban Chinese software and hardware from cars: अमेरिका और चीन के बीच तनाव पहले से ही देखने को मिल रहा है, और अब अमेरिका ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने घोषणा की है कि वह अपने देश में वाहनों में चीनी सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है। यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इससे चीनी कारों का अमेरिकी बाजार में प्रवेश और मुश्किल हो जाएगा, जिसका प्रभाव सीधे चीन की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
सुरक्षा का हवाला
रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की सरकार ने यह निर्णय इंटरनेट से जुड़ी गाड़ियों में चीन द्वारा विकसित सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर पर रोक लगाने का लिया है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि इन सॉफ्टवेयरों का उपयोग कर अमेरिकी नागरिकों की जानकारी हासिल की जा रही है। वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो ने इस संबंध में कहा कि चीनी सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर अमेरिकी नागरिकों की गोपनीयता और सुरक्षा के लिए खतरा है।
बैन का प्रभाव
इस बैन के चलते चीन के निर्यात पर गंभीर प्रभाव पड़ने की संभावना है। अमेरिका चीन के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है, और ऐसे में एक के बाद एक प्रतिबंधों का सामना करना उसकी अर्थव्यवस्था के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। पहले ही चीन की अर्थव्यवस्था सुस्त चल रही है, और इस नए बैन से उसकी स्थिति और बिगड़ सकती है।
अमेरिका की चिंताएं
अमेरिकी अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि उनका यह कदम राजनीति से प्रेरित नहीं है, बल्कि यह पूरी तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में लिया गया है। उन्होंने कहा कि चीनी सॉफ़्टवेयर, हार्डवेयर के जरिए संवेदनशील जानकारी लीक होने का खतरा है। इसमें माइक्रोफोन, कैमरे, जीपीएस ट्रैकर और ब्लूटूथ जैसे उपकरण शामिल हैं, जो अमेरिकी नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखने में बाधा डाल सकते हैं।
बिजली ग्रिड की सुरक्षा
अमेरिकी सरकार का यह भी कहना है कि इन सॉफ्टवेयरों का उपयोग कर चीनी खुफिया एजेंसियों को अमेरिकी इलेक्ट्रिक ग्रिड और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों तक पहुंच बनाने से रोकना है। अमेरिका के इस निर्णय के बाद से यह स्पष्ट हो गया है कि वह चीन की बढ़ती तकनीकी ताकत को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
आगे की चुनौतियां
इस फैसले के बाद, अमेरिका ने पहले से ही चीनी इलेक्ट्रिक वाहनों पर 100 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की थी। अब चीनी प्रोडक्ट्स के खिलाफ उठाए गए कदमों से चीन की अर्थव्यवस्था को और भी अधिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है। अमेरिका द्वारा चीनी सॉफ्टवेयर पर लगाया गया यह बैन निश्चित रूप से दोनों देशों के रिश्तों में और तनाव पैदा करेगा। यह देखते हुए कि दोनों देश तकनीकी और आर्थिक क्षेत्रों में एक-दूसरे के प्रति कितने संवेदनशील हैं, इस नए घटनाक्रम से आने वाले समय में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं।