USA cuts aid to India

अमेरिका ने भारत को मिलने वाली करोड़ों डॉलर की सहायता पर लगाई रोक, जानें वजह

अमेरिका की ट्रंप सरकार बजट कटौती को लेकर सख्त कदम उठा रही है। इसी के तहत अमेरिका ने भारत को मिलने वाली करोड़ों डॉलर की सहायता राशि पर रोक लगाने का फैसला किया है। खास तौर पर भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए बनाए गए 21 मिलियन डॉलर (करीब 174 करोड़ रुपये) के कार्यक्रम को बंद कर दिया गया है।

अमेरिकी सरकार ने खर्चों में कटौती के लिए “Department of Government Efficiency (DOGE)” नाम का एक नया विभाग बनाया है, जिसका काम गैर-जरूरी खर्चों को कम करना है। इस विभाग की कमान टेस्ला के मालिक एलन मस्क को सौंपी गई है। एलन मस्क दुनियाभर में अमेरिकी सरकार के हर खर्चे की जांच कर रहे हैं और यह तय कर रहे हैं कि किस पर पैसा खर्च होना चाहिए और किस पर नहीं।

एलन मस्क की अगुआई में चल रहे DOGE ने एक्स पर घोषणा की कि अमेरिकी करदाताओं के पैसे कुछ खास मदों पर खर्च किए जाने वाले थे, लेकिन अब उन सभी खर्चों को रद्द कर दिया गया है। यह फैसला अंतरराष्ट्रीय मदद में बड़ी कटौती का हिस्सा है, जिससे उन योजनाओं पर असर पड़ेगा, जो चुनावी प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने और राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए बनाई गई थीं। मस्क पहले भी कह चुके हैं कि अगर बजट में कटौती नहीं की गई, तो अमेरिका दिवालिया हो सकता है। यह कदम सरकार की बजट नीतियों में किए गए बड़े बदलावों के तहत उठाया गया है।

भारत को मदद में हुई कटौती

अमेरिका हर साल भारत को 21 मिलियन डॉलर (करीब 1 अरब 82 करोड़ रुपये) की फंडिंग देता था, जिसका उद्देश्य देश में चुनावी प्रक्रिया में मतदाताओं की भागीदारी को बढ़ाना था। लेकिन अब यह फंडिंग बंद कर दी गई है।

दिलचस्प बात यह है कि यह फैसला डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के कुछ दिनों बाद ही लिया गया है। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका रिश्तों को मजबूत करने पर चर्चा की और कई अहम घोषणाएं भी की थीं।

बांग्लादेश को तगड़ी चोट, नेपाल भी प्रभावित

एलन मस्क ने बांग्लादेश और नेपाल को मिलने वाली बड़ी आर्थिक मदद पर रोक लगा दी है।

बांग्लादेश:
अमेरिकी सरकार बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिरता और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए 29 मिलियन डॉलर की सहायता देने वाली थी, लेकिन अब यह फंड रोक दिया गया है।

नेपाल:
नेपाल को अमेरिका से वित्तीय संघवाद (Financial Federalism) के तहत 20 मिलियन डॉलर मिलने थे, लेकिन अब यह रकम नहीं दी जाएगी। इसके अलावा, बायोडाइवर्सिटी संरक्षण (जैव विविधता की सुरक्षा) के लिए नेपाल को 19 मिलियन डॉलर की सहायता मिलनी थी, जिसे भी बंद कर दिया गया है।

बीजेपी ने क्या कहा?

भाजपा नेता अमित मालवीय ने एक घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर दिए जा रहे हैं। उन्होंने इसे भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी दखल करार दिया और सवाल उठाया कि इसका फायदा किसे होगा? उन्होंने कहा, “यह निश्चित रूप से सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में नहीं होगा!”

इसी बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया है कि सरकारी बचत में अरबों डॉलर की अतिरिक्त राशि खोजने का श्रेय DOGE को जाता है। 11 फरवरी को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, “हम पहले ही कई अरब डॉलर खोज चुके हैं, लेकिन शायद यह राशि 500 अरब डॉलर तक हो सकती है। यह वाकई बहुत बड़ी रकम है!”

एलन मस्क के फैसले से कौन से देश प्रभावित 

DOGE के नए फैसले से अब इन देशों को मिलने वाली आर्थिक मदद बंद हो जाएगी:

  •  मोजाम्बिक – 10 मिलियन डॉलर
  •  प्राग – 32 मिलियन डॉलर
  •  कंबोडिया – 2.3 मिलियन डॉलर
  •  सर्बिया – 14 मिलियन डॉलर
  •  लाइबेरिया – 1.5 मिलियन डॉलर
  •  दक्षिण अफ्रीका – 2.5 मिलियन डॉलर
  •  माली – 14 मिलियन डॉलर

अब इन देशों को इस रकम की सपोर्ट नहीं मिलेगी, जिससे उनके विकास और योजनाओं पर असर पड़ सकता है।

 

 

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