(USElection): भारतीय मूल के राजा कृष्णमूर्ति ने हाल ही में अमेरिका में हुए चुनाव में इलिनॉय के 8वें कांग्रेश्नल डिस्ट्रिक्ट से लगातार दूसरी बार जीत हासिल की है। उन्होंने इस बार 57.1 प्रतिशत वोट प्राप्त किए, जबकि उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंदी मार्क राइस को महज 42.9 प्रतिशत वोट मिले। यह जीत उनके लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि उन्होंने पहली बार 2016 में इस सीट पर जीत हासिल की थी।
कौन हैं राजा कृष्णमूर्ति
राजा कृष्णमूर्ति का जन्म भारत में हुआ था, लेकिन उनका पालन-पोषण अमेरिका के बफेलो में हुआ। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत इलिनॉय के डिप्टी स्टेट ट्रेजर के रूप में की और बाद में वे स्पेशल असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के पॉलिसी डायरेक्टर भी रहे। राजा कृष्णमूर्ति मध्यवर्गीय परिवारों के लिए नीतियों की बात को रखते है और उसका समर्थन करते है, जिसमें शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं।
कृष्णमूर्ति वर्तमान में इंटेलीजेंस और ओवरसाइट समितियों के वरिष्ठ सदस्य हैं। उनकी नीतियों का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है, जो उनके क्षेत्र के निवासियों की भलाई के लिए महत्वपूर्ण हैं।
शुरुआती मतगणना में कमला हैरिस से आगे हैं ट्रंप
इस चुनाव (USElection) में डेमोक्रेट पार्टी की स्थिति भी मजबूत रही है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, डेमोक्रेट राष्ट्रपति उम्मीदवार कमला हैरिस ने 205 निर्वाचक मंडल वोट हासिल किए हैं, जबकि रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने 230 वोट प्राप्त किए हैं। राष्ट्रपति बनने के लिए 270 वोटों की आवश्यकता होती है। इस चुनाव का परिणाम कई स्विंग राज्यों पर निर्भर करेगा, जिनमें एरिजोना, जॉर्जिया, मिशिगन, नेवादा, उत्तरी कैरोलाइना, पेन्सिल्वेनिया और विस्कॉन्सिन शामिल हैं।
राजा कृष्णमूर्ति की जीत से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों का राजनीतिक प्रभाव बढ़ रहा है। उनकी सफलता न केवल उनके लिए बल्कि पूरे भारतीय समुदाय के लिए गर्व का विषय है।
यह भी पढ़े: