उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बर्फबारी से हालात बिगड़ गए हैं। कई सड़कों पर मोटी बर्फ जमा हो गई है, जिससे रास्ते बंद हो गए हैं और लोगों को आने-जाने में भारी परेशानी हो रही है।
आज भी कई जिलों में बारिश होने की संभावना है। खासतौर पर देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल और चंपावत में बारिश हो सकती है। वहीं, 2500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की से मध्यम बर्फबारी होने का अनुमान है।
मौसम विभाग ने 3 और 4 मार्च को भी खराब मौसम की चेतावनी दी है। इसके अलावा, हिमस्खलन का भी खतरा बना हुआ है, इसलिए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
उत्तराखंड में हिमस्खलन का खतरा, चमोली सबसे ज्यादा प्रभावित
#WATCH | Chamoli (Uttarakhand) Avalanche | Three injured people have been evacuated to Military Hospital Joshimath. Helicopter service has started.
(Video: Indian Army) pic.twitter.com/3HlKwgMuOy
— ANI (@ANI) March 1, 2025
उत्तराखंड के उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में हिमस्खलन की चेतावनी जारी की गई है। इनमें सबसे ज्यादा खतरा चमोली जिले में बताया जा रहा है।
शुक्रवार को उत्तराखंड के माणा क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से बड़ा हिमस्खलन हुआ, जिससे बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के कैंप को नुकसान पहुंचा। बताया जा रहा है कि इस इलाके में करीब 57 मजदूर मौजूद थे।
हिमस्खलन के कारण कई सड़कें बंद हो गई हैं और कई जगहों पर नुकसान की खबर है। लगातार बारिश और बर्फबारी के चलते सीमावर्ती इलाकों में हालात बिगड़ रहे हैं। गंगोत्री हाईवे पर गंगनानी के आगे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। वहीं, डबरानी क्षेत्र में भी हाईवे पर हिमस्खलन हुआ है, जिससे रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं।
14 और मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला
चमोली में अब मौसम साफ हो गया है। बारिश और बर्फबारी रुक चुकी है, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन को फिर से शुरू कर दिया गया है। बद्रीनाथ धाम में सेना और आईटीबीपी की टीमें लापता मजदूरों की तलाश में जुटी हुई हैं। भारतीय सेना ने कड़ी मेहनत के बाद 14 और मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला है। इनमें से एक मजदूर की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिसे माना हिमस्खलन स्थल से बचाया गया।
बचाए गए सभी मजदूरों को प्राथमिक चिकित्सा के लिए माना आर्मी कैंप ले जाया गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन अब भी जारी है, और हेलीकॉप्टर सेवाएं भी शुरू कर दी गई हैं। अब तक कुल 47 लोगों को बर्फ से बाहर निकाला जा चुका है, जबकि 8 लोग अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहुंचे चमोली
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने माणा के पास हुए हिमस्खलन में फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जो श्रमिक गंभीर रूप से घायल हैं, उन्हें बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर हायर सेंटर भेजा जाए।
सीएम धामी ने कहा कि वे खुद चमोली जा रहे हैं ताकि हालात का जायजा ले सकें। जैसे ही मौसम सुधरा, बचाव कार्यों में तेजी लाई गई है। उन्होंने भरोसा जताया कि भगवान बदरीनाथ की कृपा और बचाव दल की मेहनत से सभी फंसे हुए श्रमिकों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकाला जाएगा।
इस समय गोपेश्वर के 40 से ज्यादा गांव पूरी तरह बर्फ से ढके हुए हैं। औली, बदरीनाथ, जोशीमठ, मलारी और गोपेश्वर-चोपता हाइवे पर भी बर्फबारी के कारण रास्ते बंद हो गए हैं। पिछले दो दिनों से चमोली जिले में लगातार बर्फबारी हो रही है, जिससे ऊंचाई वाले इलाकों में ठंड बढ़ गई है और निचले क्षेत्रों में बारिश जारी है।
भारी बर्फबारी से बंद हुए कई हाइवे
उत्तराखंड में भारी बर्फबारी और बारिश के कारण कई हाईवे और गांवों में मुश्किलें बढ़ गई हैं। गोपेश्वर-चोपता हाईवे धौतीधार से आगे बर्फ की वजह से बंद हो गया है। औली-जोषीमठ सड़क भी कवांड बैंड से आगे चार किलोमीटर तक बंद है। नीति-मलारी हाईवे भापकुंड के आगे नहीं जा पा रहा है, जबकि बदरीनाथ हाईवे हनुमान चट्टी के पास बर्फबारी के कारण बंद हो गया है।
गोपेश्वर के आसपास भारी ओलावृष्टि हुई है। गंगा और यमुना घाटी में 24 से ज्यादा गांव पूरी तरह बर्फ से ढक गए हैं। वहीं, बारिश और बर्फबारी के कारण इन इलाकों के 48 गांवों में बिजली सप्लाई ठप हो गई है। यमुनोत्री धाम में तीन फीट तक बर्फ जम चुकी है, जबकि गंगोत्री धाम में चार फीट तक बर्फ पड़ने का अनुमान है।
जिला मुख्यालय और आसपास के सभी तहसीलों में लगातार रुक-रुककर बारिश हो रही है, जिससे आम लोगों का जीवन प्रभावित हो गया है। गंगोत्री हाईवे पर पहले सुक्की टाप से आगे सामान्य वाहनों की आवाजाही रुकी थी, लेकिन शुक्रवार को गंगनानी से आगे पूरी तरह रास्ता बंद हो गया है।
गंगनानी से डबरानी के बीच गिरे पत्थर
शुक्रवार शाम को डबरानी में पहाड़ी से हिमस्खलन हुआ, जिससे बड़े-बड़े पत्थर हाईवे पर आ गए। गंगनानी से डबरानी के बीच भी लगातार पत्थर गिर रहे हैं, जिससे रास्ता खतरनाक हो गया है। वहीं, गुरुवार रात से हर्षिल घाटी के आठ गांवों में बिजली बंद है, जिससे लोग परेशान हैं। गंगोत्री धाम के तीर्थपुरोहित राजेश सेमवाल ने बताया कि वहां करीब चार फीट तक बर्फ गिर चुकी है।
बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गिरने लगे पत्थर
#WATCH | Uttarakhand: Rishikesh-Badrinath highway blocked near Karnaprayag since last night due to debris falling from the mountain.
Due to continuous rainfall, the highway is closed due to debris falling at various places on the highway. pic.twitter.com/APsw8kw2wr
— ANI (@ANI) March 1, 2025
तीर्थनगरी ऋषिकेश में दिनभर हुई तेज बारिश और हवाओं के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर देवप्रयाग के पास पहाड़ी से लगातार पत्थर गिरने लगे, जिससे हाईवे पर खतरा बढ़ गया। सुरक्षा को देखते हुए मुनिकीरेती थाना क्षेत्र के भद्रकाली से वाहनों का रूट बदल दिया गया और उन्हें चंबा होते हुए श्रीनगर भेजा गया। करीब दो घंटे तक यही व्यवस्था रही।
मुनिकीरेती थाने के वरिष्ठ उप निरीक्षक योगेश पांडे ने बताया कि सुबह करीब 11 बजे पत्थर गिरने की सूचना मिली थी, जिसके बाद हाईवे पर जाने वाले वाहनों को डायवर्ट किया गया। उन्होंने कहा कि मौसम की स्थिति को देखते हुए पुलिस लगातार आसपास के थाना क्षेत्रों से संपर्क में है।
चमोली एवलांच पर एम्स ऋषिकेश सतर्क
चमोली में आए एवलांच के बाद एम्स ऋषिकेश प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हेली एंबुलेंस और एयर स्टाफ को 24 घंटे अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, ट्रॉमा सेंटर में विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम को भी तैयार रखा गया है, ताकि ज़रूरत पड़ने पर तुरंत इलाज शुरू किया जा सके।