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‘वनतारा’ करेगा नमीबिया के जानवरों की देखभाल? अनंत अंबानी ने जताई इच्छा!

Namibia’s drought crisis: नई दिल्ली। उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी ने प्रकृति और वन्यजीवों के प्रति अपना लगाव ‘वनतारा’ बनाकर जाहिर किया था, जिसके तहत देश और विदेश दोनों में घायल और खतरे में पड़े जानवरों के बचाव, उपचार, देखभाल और पुनर्वास किया जाता है। यह अपने आप में एक तरह की पहल थी।

अब एक कदम और आगे बढ़ाते हुए ‘वनतारा’ ने दक्षिण-पश्चिमी अफ्रीकी देश नमीबिया की सरकार से जानवरों के वध को रोकने का आग्रह किया है। दरअसल नमीबिया सूखे और अकाल से जूझ रहा है जिस कारण वहां की सरकार ने जानवरों को मारने का निर्णय लिया है। भारत स्थित नमीबिया के दूतावास को लिखे पत्र में ‘वनतारा’ ने जानवरों को संरक्षण देने की इच्छा जताई है।

जानवरों को संरक्षण के लिए लिखा पत्र

‘वनतारा’ ने अपने पत्र में लिखा है कि वे नमीबिया सरकार द्वारा मारे जाने के लिए चिन्हित जानवरों को उम्र भर या अस्थाई तौर पर घर देने को उत्सुक है ताकि जानवरों की जानें बचाई जा सकें। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि सूखे के कारण नमीबिया की लगभग 84% खाद्य आपूर्ति समाप्त हो गई है।

देश में उपजे खाद्य संकट से निपटने के लिए वहां की सरकार ने 700 से अधिक जंगली जानवरों को मारने की तैयारी की है। नमीबिया के पर्यावरण, वानिकी और पर्यटन मंत्रालय द्वारा घोषित लिस्ट के अनुसार, 83 हाथियों, 60 भैंसों, 30 दरियाई घोड़ों, 100 ब्लू वाइल्डबीस्ट, 50 इम्पाला और 300 ज़ेबरा को मारा जाना है।

दूतावास ने अभी नहीं दिया जवाब!

वनतारा ने जानवरों का वध रोकने के लिए नमीबिया सरकार और वहां के अन्य संगठनों के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जाहिर की है। हालांकि नमीबिया दूतावास की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।

जानवरों के लिए 2 हजार से ज्यादा कर्मचारी

बता दें, ‘वनतारा’ में अभी तक 200 से अधिक हाथी और 300 से अधिक बाघ, शेर, जगुआर और तेंदुए जैसे जंगली जानवर हैं। 3500 एकड़ में फैले वनतारा में जानवरों की देखभाल के लिए 2 हजार से अधिक कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं। इसके अलावा वर्ल्ड क्लास अस्पताल और रिसर्च सेंटर भी वनतारा में है।

वनतारा, भारत में अपनी तरह का पहला इनिशिएटिव है, जहां जानवरों की पूरी देखभाल की सुविधा है। वनतार सेंटर जामनगर रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स के ग्रीन बेल्ट के भीतर 3,000 एकड़ में फैला है।

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