VARUN GANDHI

VARUN GANDHI: हमेशा पार्टी की नीतियों पर सवाल उठाने वाले वरुण गांधी अब बैकफुट पर!, PM मोदी की तारीफ…

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। VARUN GANDHI: लोकसभा चुनाव 2024 का रण शुरू हो चुका है और सभी पार्टियां अपने-अपने योद्धाओं की सूची बनाने में जुटी हैं कि किसे चुनाव में उतारा जाए। खबरें आने लगी हैं कि कई सांसदों के टिकट कट सकते हैं। नए चेहरों को मौका मिल सकता है। लेकिन इस बीच हमेशा पार्टी आलाकमान पर हमलावर रहने वाले सांसद वरुण गांधी (VARUN GANDHI) के सुर बदलते नजर आ रहे हैं। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की खूब तारीफ की है।

554 रेलवे स्टेशनों का कायापलट किया जाएगा

दरअसल, अमृत योजना के तहत 554 रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प किया जाएगा, जिसमें पीलीभीत (VARUN GANDHI) भी शामिल है। 16.7 करोड़ रुपये से पीलीभीत रेलवे स्टेशन के लिए विभिन्न विकास कार्य कराए जाएंगे। पीएम मोदी ने सोमवार को इस योजना की शुरुआत की है, जिसके बाद वरुण गांधी ने पीएम मोदी का रास्ता रोक दिया है. वरुण के सुर बदलने की वजह हम आपको बाद में बताएंगे, लेकिन पहले सुनिए कि उन्होंने क्या कहा।

भारतीय हैं विश्व प्रसिद्ध …

पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी (VARUN GANDHI) ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा, ‘जय हिंद पूरी दुनिया और आने वाली पीढ़ियों में गूंजेगा। मैं इस देशभक्ति कार्यक्रम के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देता हूं। आज पीएम के नेतृत्व में जिले का रिश्ता मजबूत हुआ है और यह पीलीभीत के लिए बड़ी उपलब्धि है। भारत पूरे विश्व में अपनी छाप छोड़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘जो देश कभी इंग्लैंड का गुलाम था। आज इंग्लैंड के प्रधानमंत्री भारतीय मूल के ऋषि सुनक हैं, अमेरिका में उपराष्ट्रपति का नाम कमला है। 18 देशों में भारतीय मूल के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति हैं। इसके साथ ही दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक, वकील और इंजीनियर तथा डॉक्टर भी हिंदुस्तानी ही हैं।

वरुण ने क्यों बदले अपने सुर?

दरअसल, बीजेपी का लक्ष्य यूपी में लोकसभा चुनाव (VARUN GANDHI) की सभी 80 सीटें जीतने का है। फिलहाल बीजेपी के पास 65 सीटें हैं। इसके लिए कई मौजूदा सांसदों के टिकट काटने की तैयारी की जा रही है। बीजेपी उनकी जगह नए उम्मीदवारों पर दांव लगाएगी। सर्वे और प्रदर्शन के आधार पर बड़ी संख्या में मौजूदा सांसदों और मंत्रियों के टिकट कट सकते हैं। कुछ मौजूदा विधायकों को लोकसभा चुनाव का टिकट दिया जा सकता है। बीजेपी दूसरे दलों के कुछ ताकतवर नेताओं को भी टिकट दे सकती है। टिकट देने का एकमात्र आधार जीत का मापदंड होगा।

टिकट देने का एकमात्र आधार जीत की कसौटी

वरुण गांधी (VARUN GANDHI) अक्सर बीजेपी आलाकमान और पीएम मोदी के फैसलों पर सीधे सवाल उठाते रहे हैं। वह अक्सर बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, किसानों और गरीबों के मुद्दों पर अपनी ही पार्टी के खिलाफ बोलते रहे हैं। उनके ये बयान बीजेपी आलाकमान को कांटे की तरह चुभ रहे हैं। कहा जा रहा है कि पार्टी वरुण की जगह किसी और उम्मीदवार पर दांव लगा सकती है। वरुण गांधी का ऐसा रुख देख कर इस बात को और हवा मिल गयी है। राजनैतिक चर्चाओं में भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में बात कहने के बाद वरुण गांधी भी मुख्य धारा में बहने लगे हैं।

क्या है पीलीभीत का समीकरण?

पीलीभीत सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है। 2004 से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है। 2004 में मेनका गांधी ने इस सीट से जीत हासिल की थी। वरुण गांधी (VARUN GANDHI) इस सीट से दो बार जीते। साल 2019 में वरुण गांधी को 704549 वोट मिले थे, जबकि सपा के हेमराज वर्मा को 448922 वोट मिले थे। इस सीट पर 25 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम वोटर हैं। पीलीभीत की आबादी 17 लाख से ज्यादा है और एससी आबादी 17 फीसदी है। इस सीट पर मुस्लिम और दलित मतदाता किसी भी प्रत्याशी का हाजमा बिगाड़ सकते हैं। इसके अलावा इस सीट पर किसान और राजपूत मतदाता भी हैं, जो बीजेपी समर्थक माने जाते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि वरुण गांधी ने अपनी कमर ढीली कर ली है, ताकि लोकसभा में कम से कम टिकट बचे रहें।

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