तेलुगु ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते थे सीताराम येचुरी
सीताराम येचुरी का जन्म 1952 में मद्रास (अब चेन्नई) में हुआ था। वे एक तेलुगु ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता सर्वेश्वर सोमयाजुला येचुरी आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में इंजीनियर थे, जबकि उनकी मां कल्पकम येचुरी एक सरकारी अधिकारी थीं। सीताराम येचुरी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली से पूरी की, जहां उन्होंने अर्थशास्त्र में बीए किया। इसके बाद उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री प्राप्त की।
तीन बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष बने थे सीताराम
1975 में सीताराम येचुरी ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) का सदस्य बनने का फैसला किया और उसी वर्ष से उनका राजनीतिक जीवन सक्रिय हो गया। जब वे जेएनयू में पढ़ाई कर रहे थे, तब इमरजेंसी के दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। कॉलेज के दिनों से ही वे राजनीति में सक्रिय हो गए थे और तीन बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए।
ऐसी रही राजनीतिक यात्रा
सीताराम येचुरी ने अपनी राजनीतिक यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण संघर्ष किए। वे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आवास के बाहर पर्चा पढ़ने के लिए मशहूर हुए थे। उनकी सक्रियता और राजनीतिक दृष्टिकोण ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। उनके निधन से भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण void पैदा हो गया है।
सीताराम येचुरी के निधन पर उनके प्रशंसक और राजनीतिक सहयोगी गहरा शोक व्यक्त कर रहे हैं। उनका जीवन और कार्य राजनीति के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण अध्याय की तरह रहेगा।