उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज यानी मंगलवार को किसानों को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाया है। उन्होंने इस दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी निशाने पर लिया है। जगदीप धनखड़ ने कहा कि विकसित भारत का रास्ता किसान के दिल से निकलता है, यह हमें कभी नहीं भूलना चाहिए।
किसानों का हित सोचना जरूरी
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि किसान अगर आज के दिन आंदोलित हैं, उस आंदोलन का आकलन सीमित रूप से करना बहुत बड़ी गलतफहमी और भूल होगी। उन्होंने कहा कि जो किसान सड़क पर नहीं है, वह भी आज के दिन चिंतित हैं, आज के दिन परेशान हैं। धनखड़ ने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र का दर्जा मिलना है, तो हर व्यक्ति की आय को आठ गुना करना है। उन्होंने कहा कि उस आठ गुना करने में सबसे बड़ा योगदान ग्रामीण अर्थव्यवस्था का है, किसान कल्याण का है।
जगदीप धनखड़ का केंद्र सरकार पर निशाना
उपराष्ट्रपति ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से सवाल करते हुए कहा कि मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि किसान से बातचीत क्यों नहीं हो रही है? उन्होंने कहा कि मैं यह समझने में असफल हूं कि हम अर्थशास्त्रियों, थिंक टैंकों के परामर्श से एक ऐसा फार्मूला क्यों नहीं बना सकते हैं, जो हमारे किसानों को पुरस्कृत कर सके। उन्होंने कहा कि अरे हम तो जो देय है, उसके बदले इनाम नहीं दे रहे हैं। जो वादा किया है, हम वादा में कंजूसी कर रहे हैं।
किसान हमारे लिए आदरणीय
उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि किसान हमारे लिए आदरणीय है। किसान प्रातः स्मरणीय हैं, सदैव वंदनीय है। उन्होंने कहा कि मैं खुद किसान का बेटा हूं, मैं जानता हूं किसान क्या कुछ नहीं झेलता है। इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च पूरे देश में फैली हुई है, इसके 180 से ज्यादा संस्थाएं हैं, जो लंबे समय से कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि कृषि, किसान और ऐग्रो इकोनॉमी से जुड़ा हुआ कोई भी पहलू अछूता नहीं रहा है। किसान से बातचीत में देरी नहीं होनी चाहिए और हमें जानकारी होनी चाहिए, क्या किसान से कोई वादा किया गया था? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी का दुनिया को संदेश है, जटिल समस्याओं का निराकरण वार्ता से होता है।. कृषि मंत्री जी आपसे पहले जो कृषि मंत्री जी थे, क्या उन्होंने लिखित में कोई वादा किया था? यदि अगर वादा किया था तो उसका क्या हुआ? राजनीतिक एक्सपर्ट का मानना है कि उपराष्ट्रपति के इस बयान के बाद किसानों से जल्द से जल्द बातचीत हो सकती है।