Vinayak Chaturthi 2024: चतुर्थी के दिन इन बातों का रखें विशेष ध्यान
राजस्थान(डिजिटल डेस्क)। Vinayak Chaturthi 2024: पौष विनायक चतुर्थी गणेश भगवान ( Vinayak Chaturthi 2024) को समर्पित होता है। इस दिन विधिवत रूप से पूजा और व्रत करना शुभ और फलदायी माना जाता है। हर माह में दो चतुर्थी आती है। एक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी जिसे संकष्टी चतुर्थी और दूसरी शुक्ल पक्ष की चतुर्थी जिसे विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस बार साल की पहली पौष विनायक चतुर्थी 14 जनवरी 2024 को मनाई जा रही है। मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से भगवान गणेश की पूजा पाठ करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है और बप्पा की कृपा हमेशा साधक पर बनी रहती है। विनायक चतुर्थी के व्रत को लेकर कई सारे नियम बनाए गए है जिसका पालन करना जरूरी माना जाता है। आइए जानते है क्या है विनायक चतुर्थी व्रत के नियम:—
चतुर्थी शुभ मुहूर्त:-
हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह में विनायक चतुर्थी का पर्व ( Vinayak Chaturthi 2024) 14 जनवरी 2024 को मनाया जाएगा। वहीं इस तिथि की शुरूआत 14 जनवरी, रविवार को प्रात: 7 बजकर 59 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 15 जनवरी 2024,सोमवार को प्रात: 4 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन व्रत और दान करने से दुगुना फलों की प्राप्ति होती है और साधक पर गणेश भगवान की कृपा बनी रहती है।
चतुर्थी पर इन बातों का रखें विशेष ध्यान :-
1.पौराणिक ग्रंथों के अनुसार विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पीठ के दर्शन नहीं करना चाहिए। बप्पा के पीठ के दर्शन करना साधक के लिए अशुभ माना जाता है। अगर गलती से इस दिन आपको बप्पा के पीठ के दिख जाए तो तुंरत ही हाथ जोड़कर क्षमा मांग ले। ऐसा करने से अशुभ का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
2. विनायक चतुर्थी के दिन भूलकर भी गणेश भगवान को टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाने चाहिए। मान्यता है कि गणेश भगवान को टूटे हुए चावल चढ़ाने से घर की रौनक और बरकत चली जाती है।
3. इस दिन किसी भी व्यक्ति के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग, गाली का प्रयोग,अपने व्यवहार और बातों से अपमान व नीचा दिखाना और किसी भी प्रकार का गलत व्यवहार ना करे। ऐसा करने से भगवान गणेश रूष्ट हो सकते है।
4. विनायक चतुर्थी के दिन ( Vinayak Chaturthi 2024) मंदिर में अंधेरा ना रखें। ऐसा करना अशुभ माना जाता है। अंधेरा दूर करने के लिए आप एक घी का दीपक जला कर भगवान के सामने रख दें।
5. इस दिन तामसिक भोजन यानी मांस, मछली,अंडा,मदिरा—पान,प्याज, लहसुन इत्यादि चीजों का सेवन ना करें। इस दिन सिर्फ सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।
6. इस दिन मंदिर के स्थान को साफ सुथरा रखे और सिर्फ शुभ मुहूर्त में ही भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करे। इस बात का खास ध्यान रखें कि गणेश भगवान की प्रतिमा का मुख दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर ना हो। यह दोनों ही दिशा अशुभ मानी जाती हैं ।
7. विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा और प्रसाद में तुलसी दल शामिल ना करे। बप्पा के प्रसाद में तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ते है। ऐसा करने से बप्पा नाराज हो सकते है।
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