Vinayak Chaturthi 2024

Vinayak Chaturthi 2024: किस दिन रखा जाएगा फाल्गुन विनायक चतुर्थी का व्रत, क्या आपको पता है इस दिन क्यों नहीं देखा जाता चांद?

Vinayak Chaturthi 2024: हर माह शुल्क पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2024) का व्रत रखा जाता है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। माना जाता है कि जो भी व्यक्ति पवित्र व सच्चे मन से इस दिन भगवान गणेश की विधिवत रूप से पूजा करता है। जीवन में उसे सभी कष्टो और संकटों से छुटकारा मिल जाता है। इतना ही नहीं इस व्रत को करने से व्यक्ति को ग्रह दोषों से भी मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख समृद्धि में वृद्धि होती है। ऐसे में आइए जानते है फाल्गुन माह में ​किस दिन रखा जाएगा विनायक चतुर्थी का व्रत और क्या है इसका शुभ मुहूर्त व पूजा विधि:-

विनायक चतुर्थी ​तिथि व शुभ मुहूर्त:-

Vinayak Chaturthi 2024

फाल्गुन शुक्ल पक्ष चतुर्थी प्रारंभ 13 मार्च 2024,बुधवार की सुबह 04 बजकर 03 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 14 मार्च 2024, गुरूवार की सुबह 01 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार इस साल फाल्गुन विनायक चतुर्थी का व्रत 13 मार्च 2024, बुधवार के दिन ही रखा जाएगा। वहीं इस दिन पूजा की शुभ मुहूर्त की बात करें तो शुभ मुहूर्त की शुरूआत सुबह 11 बजकरी 19 मिनट से शुरू होकर 01 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अश्विनी नक्षत्र में विनायक चतुर्थी की शुरूआत हो रही है।

विनायक चतुर्थी ​पूजा विधि :-

फाल्गुन विनायक चतुर्थी के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर सभी दैनिक कार्यो से निवृत होकर स्नान करे और स्वच्छ वस्त्र धारण करे। इसके बाद गणपति के समक्ष पूजा व व्रत का सकंल्प करे और शुभ मुहूर्त पूजा का स्थान साफ कर एक चौकी लगाए। फिर उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद भगवान गणेश की प्रतिमा को स्नान कराएं और फिर नए वस्त्र पहनाएं। इसके बाद धूप दीप जलाए और श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा ॥ मंत्र का जाप करें।

Vinayak Chaturthi 2024

इसके बाद भगवान को दूर्वा की 21 गांठे,पीला चंदन, अक्षत,गुड़हल का फूल,सिंदूर ,रोली और शमी का पत्ता अर्पित करें। इसके बाद भगवान को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाए। फिर भगवान को तिलक लगाकर विधिवत रूप से पूजा करे और पूजा के अंत में आरती कर क्षमा याचना करें। माना जाता है कि इस विधि से पूजा करने से व्यक्ति की सभी समस्या दूर हो जाती है और साथ ही सुख समृद्धि में वृद्धि होती है।

विनायक चतुर्थी के दिन क्यों नहीं देखते चंद्रमा :-

कहा जाता है कि विनायक चतुर्थी के दिन रात में चंद्रमा नहीं देखा। इससे जुड़ी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन चंद्रमा को देखता है उस पर झूठा कलंक​ लगता है। इससे उस व्यक्ति की मान -सम्मान,मर्यादा व समाज में बनी प्रतिष्ठा को चोट पहुंच सकती है व उसकी साफ छवि खराब हो सकती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने चांद देख लिया था जिसके बाद उन पर चोरी का झूठा का आरोप लगाया गया था।

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