Ahmedabad : राजस्थान के सागवाड़ा (Sagwara) में सप्तम विप्र महाकुम्भ (Vipra Mahkumbh) का आयोजन किया गया है. 26 मार्च 2023 को आयोजित किए गए इस विप्र महाकुम्भ को लेकर युद्द स्तर पर तैयारियां की जा रही है. विप्र फाउंडेशन के महाकुम्भ में सामाजिक समरसता, समता, सर्वोदयता और प्रेम आत्मीयता जैसे श्रेष्ठ उद्देश्यों के साथ 26 मार्च को राजस्थान (Rajasthan) में एक नया अध्याय लिखा जाएगा. संयोजक भूपेंद्र पंड्या के नेतृत्व में प्रतिनिधियो विप्र महाकुम्भ स्थल भीखाभाई खेल मैदान सागवाड़ा की मुलकात लेकर एवं निरिक्षण करके व्यवस्थाओ का जायजा लिया.
विप्र फाउंडेशन प्रदेश जोन 1 ए का वागड़, मेवाड़, हाड़ौती क्षेत्र के ब्राह्मणों का विप्र महाकुंभ 26 मार्च को सागवाड़ा में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में विधानसभा स्तर पर युवाओं को जिम्मेदारी सौंपी गई। विप्र महाकुम्भ को लेकर 11 जिले के जिला अध्यक्षों के द्वारा दिन-रात एक करके तैयारियां की जा रही है.
सागवाड़ा विप्र महाकुंभ में कौन – कौन लेगा भाग ?
महाकुंभ में राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी , राजस्थान विधानसभाध्यक्ष डॉ.सीपी जोशी (Dr CP Joshi), भाजपा के वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी, जलदाय मंत्री महेश जोशी (Mahesh Joshi), गुजरात प्रभारी एव पूर्व मंत्री डॉ. रघु शर्मा (Raghu Sharma), समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष अर्चना शर्मा, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ (Gaurav Vallabh), विप्र फाउंडेशन के संरक्षक विधायक धर्म नारायण जोशी, विधायक अभिनेष महर्षि, संजय शर्मा, गोपाल खंडेलवाल, छगन सिंह राजपुरोहित, संदीप शर्मा कोटा, राकेश पारीक सहित विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े, अनेक राजनेता, संत, धर्म गुरु, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, विप्र समाज के अनेक प्रतिष्ठित जन व बड़ी संख्या में ब्राह्मण समाज के लोग शामिल होंगे।
विप्र फाउंडेशन द्वारा महाकुम्भ को सफल बनाने के लिए गांव से लेकर शहरों तक विद्वान ब्राह्मण परिवारो के साथ सभी समाज के अग्रणी एवं तेजस्वी नागरिको को आमंत्रित किया जा रहा है. विप्र फाउंडेशन के इस सम्पर्क महाअभियान के तहत सागवाड़ा में 25 हजार से ज्यादा नागरिक 26 मार्च को समारोह में भाग लेने पहुंच सकते है. विप्र फाउंडेशन द्वारा सभी आमंत्रित व्यक्ति को परम्परा अनुसार वैदिक रीति-रिवाज से आमंत्रित किया जा रहा है.
विप्र फाउंडेशन का सन्देश क्या देता है
भारत का सांस्कृतिक इतिहास इस सत्य का साक्षी है कि सृष्टि के उषा काल से लेकर आज तक ब्राह्मणों ने अपने अपूर्व चिंतन एवं तप से ज्ञान-विज्ञान अर्जित करके इस महादेश एवं समाज का शोभन श्रृंगार किया है । वह स्वयं के लिए नहीं राष्ट्र, संस्कृति एंव मानवता के लिए जीता आया है । ब्राह्मणों का मूल मंत्र ही रहा है “सर्वे भवन्तु सुखिन:”। धार्मिक एवं नैतिक प्रवचनों का आयोजन करना, सभी समाज के लोगों को उनके शुभ सामूहिक आयोजनों पर आशीर्वाद, शुभकामनायें एवं बधाई प्रेषित करना, मृत्यु इत्यादि दुःखद अवसरों पर संवेदना संदेश भेजना जैसे भावात्मक कार्यों द्वारा सर्वमंगल की साधना विप्र फाउंडेशन की कामना है।
विप्र समाज ने अपने दिगंत भेदी तप व चिंतन से हमारे दिव्य राष्ट्र का मनोरम शृंगार करके इसे विश्वगुरु के गौरवमय पद पर प्रतिष्ठित किया है, समय की आवश्यकताओं का अवलोकन कर सदैव देश को युगानुकूल मार्ग दिखाया है। राष्ट्र कल्याण की भावना के साथ अनन्ताकाश की भांति विराट दृष्टिकोण लिये विप्र फाउण्डेशन प्रयत्नरत है । सम्पूर्ण विश्व को एक परिवार की तरह मानते हुए सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं सामाजिक गतिविधियों की जानकारी के लिए सम्पर्करत रहने, वैचारिक आदान प्रदान के आधार पर सद्गुणों को विकसित करने व समष्टि के कल्याणार्थ विराट दृष्टिकोण लिये विप्र फाउंडेशन (Vipra Foundation) संकल्पित हैं।
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