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What is CAA : क्या है नागरिकता संशोधन कानून? 2024 में चुनाव से पहले पूरे देश में होगा लागू,जानिए किसे मिल सकती है नागरिकता

What is CAA

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। What is CAA: कुछ ही समय में 2024 के लोकसभा चुनाव (What is CAA) आने वाले है ऐसे में भारतीय जनता पार्टी चुनव की तैयारियों में जुटी हुई है। इसी बीच में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएए को लेकर बड़ा एलान किया है। अपने दिए एक बयान में अमित शाह ने साफ कहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए लागू कर दिया जाएगा। इससे जुड़ा एक नोटिफिकेशन भी जारी किया जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इस कानून में किसी की नागरिकता छिनने का प्रावधान नहीं है।

जानें क्या है नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए

नागरिकता संशोधन कानून 2019,सीएए भारत के तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान,अफगानिस्तान और बांग्लादेश के उन अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने का फैसला किया गया है ​जो काफी लंबे समय से भारत की शरण में है या जिन्होंने काफी लंबे समय से भारत की शरण ली है। इस कानून में किसी भी नागरिक की नागरिकता को छिनने का प्रावधान नहीं है। साथ ही इस कानून से किसी भी धर्म, मजहब, समुदाय के लोगों की नागरिकता पर खतरा नहीं है। इस कानून को 2019 में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पारित किया गया था। इस कानून का मुख्य उद्देश्य सिख, जैन,हिंदू,पारसी,बौद्ध और ईसाइयों के अलावा गैर मुस्लिमों प्रवासियों को भारत की नागरिकता प्रदान करना है। जो 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान,अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत में आए थे।

लोगों द्वारा किया गया था विरोध

What is CAA

11 दिसंबर 2019 को संसद द्वारा सीएए कानून पारित होने और तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा मंजू​री मिलने के बाद देश के कई हिस्सों में इस कानून का भारी विरोध किया गया था। लोगों को कहना था कि इस काननू की वजह से उनकी नागरिकता खतरे में आ जाएगी। हालांकि सरकार द्वारा पहले ही इस बात को साफ किया गया था कि इस कानून की वजह से किसी भी नागरिक की नागरिकता खतरे में नहीं आएगी और ना ही इस कानून में ऐसा कोई प्रावधान रखा गया है। पिछले साल ही अमित शाह द्वारा जल्द ही इस कानून को लागू करने की बात कही गई थी।

जानिए किसे मिल सकती है नागरिकता

सीएए लागू होने के बाद भारत में बांग्लादेश,पाकिस्तान और अफ​गानिस्तान से आए सिख, बौद्ध, जैन, हिंदू और पारसी धर्म के शरणार्थीयों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। लेकिन इस कानून के अंतर्गत ऐसे लोगों को अवैध प्रवासी माना गया है तो बिना दस्तावेज के अवैध रूप से बिना पासपोर्ट और वीजा के भारत में घुस आए है या फिर गलत दस्तावेजों के साथ भारत आए है और ज्यादा लंबे समय से भारत में रह रहे हो। बता दें कि पिछले 6 वर्षो में 2830 पाकिस्तानी नागरिक, 912 अफगानिस्तान और 172 बांग्लादेशी शरणार्थीयों को भारत की नागरिकता दी गई है।

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