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क्या है अमेरिकी चुनावों की प्रक्रिया, EVM या बैलेट? जानिए कैसे होती है वोटिंग

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव का तरीका भारत से काफी भिन्न है। भारत में जहाँ आमतौर पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का उपयोग किया जाता है, वहीं अमेरिका में मुख्यतः बैलेट पेपर का सहारा लिया जाता है। हालांकि, कुछ स्थानों पर मशीनों का उपयोग भी होता है, लेकिन ज्यादातर मतदाता बैलेट पेपर पर ही भरोसा करते हैं। हाल ही में, डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी एलन मस्क ने मशीन वोटिंग की आलोचना करते हुए कहा था कि मशीनें आसानी से हैक की जा सकती हैं, जबकि बैलेट पेपर की सुरक्षा अधिक होती है।

कैसे होती है वोटिंग?

अमेरिका में मतदान प्रक्रिया की शुरुआत मुख्य मतदान की तारीख से काफी पहले होती है। इसे प्रारंभिक मतदान या “अर्ली-वोटिंग” कहा जाता है। इस प्रक्रिया में मतदाता व्यक्तिगत रूप से मतदान केंद्र पर जाकर या मेल के जरिए वोट डाल सकते हैं। 2024 के चुनावों में अब तक 7.21 करोड़ से अधिक मतदाता प्रारंभिक मतदान कर चुके हैं। यह प्रक्रिया मतदाताओं को सुविधा प्रदान करती है और चुनाव के दिन की भीड़ से बचने में मदद करती है।

मतों की गिनती में समय क्यों लगता है?

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में बैलेट पेपर का इस्तेमाल इस बात को सुनिश्चित करता है कि वोटों की गिनती में पारदर्शिता बनी रहे। साल 2000 के चुनावों में फ्लोरिडा में विवाद के कारण चुनावी प्रक्रिया में सुधार किया गया। उस चुनाव में जॉर्ज डब्ल्यू बुश और अल गोर के बीच बहुत ही करीबी प्रतिस्पर्धा थी, जो कि विवादों में उलझ गई थी। इसके बाद से बैलेट पेपर को प्राथमिकता दी गई है। 2002 में हेल्प अमेरिका वोट एक्ट के तहत बैलेट पेपर का उपयोग बढ़ाया गया और पेपरलेस मशीनों की खरीद पर रोक लगा दी गई।

अमेरिका में वोटों की गिनती में कई दिन लग जाते हैं, और इसका मुख्य कारण यह है कि बैलेट पेपर के इस्तेमाल से गड़बड़ियों की संभावना कम होती है। यूनिवर्सिटी ऑफ लोवा के प्रोफेसर डगलस जोन्स का कहना है कि पेपर बैलेट का इस्तेमाल यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी गड़बड़ी की स्थिति में सबूत उपलब्ध हों। मतदान के बाद ऑडिट प्रक्रिया में भी बैलेट पेपर महत्वपूर्ण होते हैं, जो कि अमेरिका के 48 राज्यों में आम है।

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव का क्या है तरीका?

अमेरिका में हाल के वर्षों में बैलेट पेपर की ओर बढ़ने का ट्रेंड स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। 2022 के मिड-टर्म चुनावों में लगभग 70% मतदाताओं ने हैंड मार्क्ड पेपर बैलेट का उपयोग किया। 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में यह आंकड़ा बढ़कर 98% तक पहुंचने की संभावना है। सभी प्रमुख स्विंग स्टेट्स, जैसे एरिजोना, जॉर्जिया, मिशीगन, नेवादा, नॉर्थ कैरोलिना, पेंसिल्वेनिया और विस्कॉन्सिन, में पेपर ट्रेल वाले वोटिंग सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है।

अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव सीधे जनता के वोट से नहीं होता है, बल्कि यह इलेक्टर्स के माध्यम से होता है। जनता के वोट यह तय करते हैं कि किस राज्य में किस उम्मीदवार को जीत मिली। फिर जिस उम्मीदवार के पास जीतने वाले राज्यों के इलेक्टर्स की संख्या 270 या उससे अधिक होती है, वही राष्ट्रपति चुना जाता है। यह प्रणाली सुनिश्चित करती है कि हर राज्य की आवाज सुनी जाए।

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