क्या है वदीमा कानून? जिसकी वजह से यूपी की शहजादी को दुबई में मिली फांसी की सजा

दुबई अपने सख्त कानूनों के लिए दुनिया भर में मशहूर है। यहां छोटी-सी गलती भी भारी पड़ सकती है। ऐसा ही कुछ मामला यूपी की शहजादी के साथ हुआ है, जिसे दुबई की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। यह मामला UAE के वदीमा कानून (Wadeema’s Law) से जुड़ा है, जो बच्चों की सुरक्षा और देखभाल को लेकर बेहद सख्त है।

क्या है वदीमा कानून?

वदीमा कानून को UAE का ‘चाइल्ड राइट्स लॉ’ भी कहा जाता है। इसे 2016 में लागू किया गया था। इस कानून का मकसद बच्चों को हर तरह की हिंसा, उपेक्षा, शोषण और लापरवाही से बचाना है। इसके तहत किसी बच्चे को अकेला छोड़ना, उसकी देखभाल में कोताही बरतना या उसे किसी खतरे में डालना गंभीर अपराध माना जाता है।

दरअसल, वदीमा कानून का नाम एक 8 साल की बच्ची वदीमा के नाम पर रखा गया है, जिसकी 2012 में उसके पिता और सौतेली मां ने बेरहमी से हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद UAE सरकार ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर कड़े कानून बनाए।

इसके मुकाबिक अगर किसी व्यक्ति की लापरवाही से किसी बच्चे की मौत हो जाती है, तो उसे कड़ी सजा दी जा सकती है। UAE के संघीय कानून संख्या 3 के अनुच्छेद 342 के मुताबिक, ऐसे मामलों में जेल की सजा और भारी जुर्माना हो सकता है। शहजादी के मामले में भी यही कानून लागू हुआ है।

क्या है शहजादी का मामला?

शहजादी उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं। साल 2020 में उनकी मुलाकात उज्जैर नाम के शख्स से सोशल मीडिया के जरिए हुई। दोनों की दोस्ती हुई और 2021 में उज्जैर ने शहजादी को इलाज के बहाने आगरा बुलाया। वहां से उन्हें अबु धाबी भेज दिया गया, जहां उन्हें फैज और नादिया नाम के एक दंपति के बच्चे की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी गई।

शुरुआत में सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन कुछ समय बाद 4 महीने के बच्चे की अचानक मौत हो गई। बच्चे की मौत का आरोप शहजादी पर लगा और दुबई की अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई। हालांकि, शहजादी अभी जेल में हैं और उनकी तरफ से रिव्यू पिटीशन दायर की गई है, जो अभी विचाराधीन है। भारतीय दूतावास भी इस मामले में UAE सरकार से लगातार बातचीत कर रहा है।

बच्चे की मौत कैसे हुई?

जिस बच्चे की शहजादी की निगरानी में मौत हुई, वह सिर्फ 4 महीने का था। बच्चा अक्सर बीमार रहता था और एक दिन अचानक उसकी मौत हो गई। अदालत ने जांच के बाद शहजादी को लापरवाही का दोषी पाया और उन्हें सजा सुनाई।

वदीमा कानून के तहत क्या हैं प्रावधान?

वदीमा कानून बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेहद सख्त है।
अनदेखी पर सजा: अगर कोई अभिभावक, संरक्षक या देखभालकर्ता बच्चे की उपेक्षा करता है, तो उसे कारावास या कम से कम 5000 दिरहम (AED) का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
स्कूल बस में सुरक्षा: अगर कोई बच्चा स्कूल बस में यात्रा कर रहा है, तो उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी बस चालक और स्कूल प्रशासन की होती है। बच्चे को अकेले वाहन में छोड़ना भी अपराध माना जाता है।
लापरवाही से मौत: अगर किसी की लापरवाही से बच्चे की मौत हो जाती है, तो उसे जेल की सजा और भारी जुर्माना हो सकता है।

यूएई में बच्चों की सुरक्षा को लेकर कड़े नियम

यूएई सरकार बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेहद गंभीर है। वदीमा कानून के तहत न केवल अभिभावकों को, बल्कि स्कूल प्रशासन, बस चालकों और अन्य जिम्मेदार व्यक्तियों को भी बच्चों की देखभाल करनी होती है। इस कानून का मकसद बच्चों के जीवन की रक्षा करना और उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता देना है।

क्या होगा शहजादी का अब?

शहजादी फिलहाल दुबई की जेल में बंद हैं। उनकी तरफ से दायर की गई रिव्यू पिटीशन का फैसला आना बाकी है। भारतीय दूतावास इस मामले में UAE सरकार से लगातार बातचीत कर रहा है। अगर पिटीशन खारिज होती है, तो शहजादी को फांसी की सजा मिल सकती है।

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