राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण अभी कम नहीं हुआ है। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई हुई है। इस दौरान सप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के इलाके में ग्रैप-4 की पाबंदियां फिलहाल जारी रहेंगी। वहीं स्कूल खोले जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जिम्मेदारी वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को सौंपी है। बता दें कि दिल्ली में अभी एक्यूआई 600 पर है।
क्या दिल्ली एनसीआर में खुलेंगे स्कूल?
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्कूल खोले जाने की जिम्मेदारी वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को सौंपी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्कूलों को फिलहाल खोलना है या नहीं इस मामले पर अब CAQM आगे तय करेगा। हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि दिल्ली-एनसीआर में स्कूल फिर से खुल सकते हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने CAQM को फिजिकल क्लास फिर से शुरू करने पर विचार करने की इजाजत दी है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने मिड डे मील और ऑनलाइन शिक्षा तक पहुंच की कमी की तरफ ध्यान दिलाया है।
दिल्ली में ट्रकों का एंट्री बैन
सुप्रीम कोर्ट कोर्ट ने पिछली सुनवाई में दिल्ली के 113 एंट्री प्वाइंट पर पुलिस को चौकी बनाने का निर्देश दिया था। वहीं ट्रक जैसे भारी वाहनों के 13 एंट्री प्वाइंट पर CCTV कैमरे की रिकॉर्डिंग और उसके ब्योरा मांगा था। इस पर आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की तरफ से तय कोर्ट कमिश्नर ने कहा कि कई पॉइंट्स पर बैरिकेट्स तक नहीं थे और कई पॉइंट्स पर स्टॉफ भी नहीं दिखे हैं। वहीं वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कोर्ट से कहा कि दिल्ली में अभी AQI 600 पर है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कमिश्नर रिपोर्ट दिखाने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट देखे बिना हम कह सकते हैं कि अभी भी कोई जांच बिंदु नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम जानना चाहते थे कि क्या ऐसे चेक पोस्ट हैं। जो ऐसे ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगाते हैं?
व्यवस्था की खुली पोल
सुप्रीम कोर्ट के इस सवाल पर कोर्ट कमिश्नर ने बताया कि एंट्री प्वाइंट पर दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग से कोई कर्मी नहीं था। उन्होंने कहा कि वहां चेकिंग हो रही थी, लेकिन यह कितना प्रभावी था यह देखना होगा। उन्होंने कहा कि हमने सभी 83 चेक पॉइंट देखे। वहां ट्रकों को रोकने के लिए पुलिसवाले बीच सड़क पर कूद रहे थे। पुलिसकर्मियों की भी जान खतरें में हैं, क्योंकि वहां कोई बैरिकेडिंग नहीं है।