इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज शेखर कुमार यादव के विवादित बयान के बाद देशभर में एक नई बहस छिड़ गई है। दरअसल बीते रविवार को विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर उन्होंने कहा था कि हिन्दुस्तान में रहने वाले बहुसंख्यक के अनुसार ही देश चलेगा। हालांकि अब उनके बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट से जवाब मांगा है।
क्या है मामला
बता दें कि जस्टिस शेखर कुमार यादव इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज हैं। उन्होंने बीते रविवार को विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर उन्होंने कहा था कि हिन्दुस्तान में रहने वाले बहुसंख्यक के अनुसार ही देश चलेगा। इसके अलावा उन्होंने कहा था कि एक से ज्यादा पत्नी रखने, तीन तलाक और हलाला के लिए कोई बहाना नहीं है और अब ये प्रथाएं नहीं चलेंगी। लेकिन इसके बाद जस्टिस यादव का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यूजर्स उनकी जमकर आलोचना भी कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर यादव के बयान का सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से रिपोर्ट मांगा है। बता दें कि जस्टिस शेखर यादव का ये बयान सोशल मीडिया से लेकर मीडिया तक में छपा है। जिसके बाद देशभर में एक नई बहस छिड़ गई है। सोशल मीडिया कुछ लोग जस्टिस शेखर यादव की आलोचना कर रहे हैं, तो कुछ यूजर्स ने उनके बयान को सही बताया है।
कौन हैं जस्टिस शेखर यादव?
जस्टिस शेखर यादव इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज हैं। जानकारी के मुताबिक शेखर यादव ने अपने करियर की शुरुआत वकील के तौर पर की थी। 1988 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से लॉ पास करने के बाद शेखर यादव ने 1990 से वकालत शुरू कर दी थी। शेखर यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में सिविल और संवैधानिक मामलों में प्रैक्टिस की थी। इसके अलावा उन्होंने हाईकोर्ट में राज्य सरकार के अपर शासकीय अधिवक्ता और स्थायी अधिवक्ता के पद पर भी काम किया है। इतना ही नहीं वो केंद्र सरकार के स्थायी अधिवक्ता और रेलवे के वरिष्ठ अधिवक्ता के पद पर भी काम कर चुके हैं।
जस्टिस शेखर यादव 2019 में बने जज
बता दें कि साल 2019 के दिसंबर महीने में जस्टिस शेखर यादव ने एडिशनल जज के रूप में शपथ ली थी। इसके बाद 26 मार्च 2021 को उन्होंने हाईकोर्ट के स्थायी जज के पद की शपथ ली थी। इससे पहले भी उनका एक बयान वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने कहा था कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर देना चाहिए।