शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल (sukhbir singh badal) अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में धार्मिक सजा भुगत रहे हैं। बुधवार को उनकी सजा का दूसरा दिन था। दूसरे दिन स्वर्ण मंदिर (golden temple) में ‘सेवदार’ की ड्यूटी निभा रहे सुखबीर बादल पर जानलेवा हमला हुआ। इस हमले वे बाल-बाल बच गए। उन पर गोली चलाने वाले बुर्जुग व्यक्ति की पहचान खालिस्तानी आतंकी नारायण सिंह चौड़ा के रूप में हुई है। बता दें कि नारायण सिंह चौड़ा ( narayan singh chaura) शुरु से ही सुखबीर बादल और उनके परिवार के खिलाफ रहा है।
नारायण सिंह चौड़ा पर कई गंभीर मामले दर्ज
नारायण सिंह चौड़ा ( khalistani terrorist narayan singh chaura) के खिलाफ पंजाब में विभिन्न जगहों में लगभग 31 मामले दर्ज हैं। इन मामलों में हत्या, आर्म्स एक्ट, विस्फोटक एक्ट और UAPA जैसे गंभीर मामले शामिल हैं। चौड़ा के खिलाफ पहला मामला 1990 में बटाला में हत्या करने और आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज हुआ था। इसके बाद चौड़ा के खिलाफ साल 1991 में भी बटाला और कपूरथला में हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट और अन्य अपराधों के मामले दर्ज किए गए थे।
जेल भी जा चुका है नारायण सिंह चौड़ा
चौड़ा को पहली बार 28 फरवरी, 2013 को तरनतारन में गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के बाद पुलिस ने मोहाली में उनके एक ठिकाने पर छापा मारा और भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया था। चौड़ा जेल भी जा चुका है। साल 2017 से 2018 तक अमृतसर जेल में था। यहां वह हत्या और विस्फोटक मामलों में आरोपी था। चौड़ा को साल 2004 के बुड़ैल जेलब्रेक मामले का मास्टरमाइंड भी माना जाता है।
डेरा बाबा नानक (गुरदासपुर) का रहने वाला है चौड़ा
नारायण सिंह चौड़ा का जन्म 4 अप्रैल 1956 को डेरा बाबा नानक (गुरदासपुर) के पास चौड़ा गांव में हुआ था। चौड़ा कथित तौर पर खालिस्तान लिबरेशन फोर्स और अकाल फेडरेशन जैसे संगठनों से जुड़ा रहा है। उस पर बुड़ैल जेलब्रेक मामले के मास्टरमाइंड की मदद करने का भी आरोप है। जिसमें उसने कैदियों को कपड़े और अन्य सामान उपलब्ध कराया था।
चौड़ा का नाम कई कुख्यात आतंकवादियों जैसे- जगतार सिंह हवारा, परमजीत सिंह भियोरा और जगतार सिंह तारा के साथ जोड़ा जाता रहा है, जो पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के आरोपी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नारायण सिंह का संबंध खालिस्तानी आतंकवादी समूह बब्बर खालसा से भी रहा है।
किताबें भी लिख चुका है हमलावर नारायण सिंह चौड़ा
जानकारी के मुताबिक, साल 1984 में पंजाब में आतंकवाद की शुरुआत के दौरान चौड़ा कथित तौर पर पाकिस्तान गया था। वहां, उसने पंजाब में उग्रवाद को बढ़ावा देने, राज्य में हथियार और विस्फोटक तस्करी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नरायण सिंह चौड़ा ने पाकिस्तान में कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और राजद्रोही साहित्य पर किताबें भी लिखीं। इसके अलावा चौड़ा ने ‘खालिस्तान विरुद्ध साजिश’ नामक एक विवादास्पद किताब भी लिखी है।