Arvind Kejriwal Announces Resignation

केजरीवाल के इस्तीफे के बाद कौन बनेगा दिल्ली का मुख्यमंत्री ?

Arvind Kejriwal Announces Resignation: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है। जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद दिल्ली में आप पार्टी के मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि वह दो दिन बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ देंगे और आगामी चुनाव के बाद फिर से इस पद पर बैठने की योजना बनाते हैं। उनके इस्तीफे के बाद सवाल उठ रहा है कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।

मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए प्रमुख दावेदार

राखी बिड़ला

राखी बिड़ला

दिल्ली में अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्गों के प्रतिनिधि के रूप में राखी बिड़ला का नाम सबसे पहले आया है। उनका नाम मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए प्रमुख दावेदारों में शामिल है, खासकर दलित और पिछड़े वर्ग के वोटरों को ध्यान में रखते हुए।

आतिशी मार्लेना

आतिशी मार्लेना

दिल्ली सरकार में मंत्री और शिक्षा के क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुकीं आतिशी मार्लेना भी मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल हैं। स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने के लिए उनका नाम पहले भी चर्चा में रहा था।   

सौरभ भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज

पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने केजरीवाल की जेल के दौरान सरकार के कामकाज को संभाला था। उनकी क्षमताओं को देखते हुए उन्हें भी मुख्यमंत्री पद का संभावित उम्मीदवार माना जा रहा है।

कैलाश गहलोत

कैलाश गहलोत

दिल्ली के परिवहन और पर्यावरण मंत्री कैलाश गहलोत का नाम भी मुख्यमंत्री की रेस में लिया जा रहा है। उनके अनुभव और विभागीय कामकाज के कारण उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त माना जा रहा है।

सुनीता केजरीवाल

सुनीता केजरीवाल

इस सूची में एक और नाम अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल का भी है। बीजेपी का दावा है कि केजरीवाल अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, हालांकि इस पर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

जमानत की शर्तें

अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद उनके ऊपर छह शर्तें लगाई गई हैं।

  • मुख्यमंत्री कार्यालय का दौरा नहीं कर सकते।
  • सरकारी फाइलों पर साइन नहीं कर सकते।
  • केस से जुड़ा कोई सार्वजनिक बयान नहीं देंगे।
  • 10 लाख रुपये का बेल बॉंड भरना होगा।
  • जांच में बाधा डालने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे।
  • जरूरत पड़ने पर ट्रायल कोर्ट में पेश होंगे और जांच में सहयोग करेंगे।

दिल्ली में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कौन बैठता है और पार्टी इस बदलती स्थिति में क्या निर्णय लेती है।