सऊदी अरब के जंगल में क्यों गईं इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी? जानिए क्या है वजह

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी इस वक्त सऊदी अरब के दौरे पर हैं और उनका यह दौरा खूब चर्चा में है। जॉर्जिया 25 जनवरी को जेद्दा पहुंची थीं, इसके बाद 26 जनवरी को वे सऊदी अरब के अल-उला शहर में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मिलने गईं। मगर जो चीज सबसे ज्यादा ध्यान खींच रही है, वह है उनका अल-उला में स्थित विंटर कैम्प में क्राउन प्रिंस से मुलाकात करना। यह मुलाकात किसी आलीशान महल या सम्मेलन कक्ष में नहीं, बल्कि सऊदी अरब के एक कैम्प में हुई। इस कैम्प में ना तो कोई महल था, और ना ही बैठने के लिए कुर्सी। पीएम जॉर्जिया और क्राउन प्रिंस सलमान ने जमीन पर बिछे कालीन पर बैठकर आपसी बातचीत की। यह मुलाकात सऊदी अरब और इटली के बीच रिश्तों को और मजबूत करने के उद्देश्य से हुई।

क्राउन प्रिंस और पीएम जॉर्जिया की मुलाकात

यह मुलाकात एक खास जगह हुई थी – अल-उला के बेअत अल-शार कैम्प में, जो सऊदी अरब के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व वाले क्षेत्र में स्थित है। इस मीटिंग में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के कई पहलुओं पर चर्चा हुई। पीएम जॉर्जिया और क्राउन प्रिंस सलमान ने सीरिया के पुनर्निर्माण, लेबनान में शांति स्थापित करने, गाजा और यमन जैसे विवादित इलाकों पर बात की। इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य सऊदी अरब और इटली के बीच सामरिक और व्यापारिक रिश्तों को और बेहतर बनाना था। तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि पीएम जॉर्जिया जमीन पर बिछे कालीन पर बैठी हैं, जबकि क्राउन प्रिंस सलमान उनके सामने बैठे हैं। इस दौरान कोई आलीशान महल नहीं था, और न ही किसी प्रकार की शाही कुर्सी या ऐश्वर्य का प्रदर्शन किया गया था। यह मुलाकात सऊदी अरब की संस्कृति को मान्यता देने और न सिर्फ राजनीतिक बल्कि सांस्कृतिक संबंधों को भी आगे बढ़ाने के उद्देश्य से हुई।

सऊदी अरब की संस्कृति को समझना

इस मुलाकात के बाद पीएम जॉर्जिया ने सऊदी अरब की सांस्कृतिक विरासत को महसूस किया। अल-उला क्षेत्र में सऊदी अरब का एक ऐतिहासिक स्थल, हिजरा आर्कियोलॉजिकल साइट भी है, जिसे यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हैरिटेज साइट का दर्जा प्राप्त है। सऊदी अरब इस क्षेत्र को एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने की दिशा में काम कर रहा है। क्राउन प्रिंस ने पीएम जॉर्जिया को इस क्षेत्र की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराया।

सऊदी-इटली संबंधों में मजबूती

इटली और सऊदी अरब के संबंधों में पिछले कुछ वर्षों में तेजी आई है। सऊदी अरब, इटली का मिडल ईस्ट में दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन चुका है। दोनों देशों के बीच 2023 में 10.79 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ, जिसमें इटली से सऊदी अरब के लिए किए गए निर्यात और आयात दोनों शामिल हैं। इटली की 150 कंपनियां सऊदी अरब में कार्यरत हैं, जो यह दिखाती हैं कि दोनों देशों के बीच व्यावसायिक संबंध कितने मजबूत हो गए हैं।

विंटर कैम्प में मुलाकात क्यों हुई?

क्राउन प्रिंस सलमान का विदेश मंत्रियों और प्रमुख नेताओं का स्वागत अल-उला में करने का एक खास मकसद है। यह एक रणनीतिक कदम है, क्योंकि सऊदी अरब चाहता है कि अल-उला को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित किया जाए। 2023 में, क्राउन प्रिंस ने ‘अल-उला विजन’ लॉन्च किया था, जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र को वैश्विक पर्यटन केंद्र बनाना है। इस विजन के तहत, सऊदी अरब अपनी सांस्कृतिक धरोहर को विश्व स्तर पर पहचान दिलाना चाहता है और इस प्रक्रिया में इटली जैसे देशों से साझेदारी की अहम भूमिका है। पीएम जॉर्जिया की इस मुलाकात का एक बड़ा उद्देश्य दोनों देशों के बीच पर्यटन, संस्कृति और व्यापार से जुड़े नए अवसरों की पहचान करना भी था।

सऊदी अरब में पर्यटन और निवेश के नए अवसर

सऊदी अरब में बड़े पैमाने पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनाई जा रही हैं। अल-उला में सहारान रिजॉर्ट जैसे विशाल पर्यटन प्रोजेक्ट्स तैयार किए जा रहे हैं, जिसका उद्देश्य सऊदी अरब को एक प्रमुख पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करना है। इन परियोजनाओं से न सिर्फ पर्यटन क्षेत्र में नए मानक स्थापित होंगे, बल्कि इससे सऊदी अरब के विकास में भी बड़ा योगदान होगा।

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