बीबीसी द्वारा बनायीं गई डाक्यूमेंट्री इंडिया: द मोदी क्वेश्चन इन् दिनों बोहोत चर्चा में है। यह डाक्यूमेंट्री 2002 में हुए गुजरात दंगो पर आधारित है। यह डाक्यूमेंट्री सीरीज में बनायीं गई है जिसका पहला एपिसोड मंगलवार को रिलीज़ किया गया। पहले एपिसोड का एक क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
सीरीज में पीएम मोदी के गुजरात दंगो में भूमिका की बात की गई है। साथ ही साथ उनके राजनैतिक सफर के शुरवाती दिन अवं राष्ट्रीय सेवा संग के साथ उनके जुड़ाव की बात की गई है। इसके आलावा उनका बीजेपी में जुड़के CM तक का सफर भी दर्शाया गया है। सबसे चर्चित चीज़ इस सीरीज की पीएम मोदी का गुजरात के CM रेहते हुए गुजरात दंगो में हाथ होने का है।
17 जनवरी को इस सीरीज का पहला एपिसोड रिलीज़ किया गया। रिलीज़ होते ही डॉक्यूमेण्ट्री का विरोध होने लगा। सबसे पहले ब्रिटैन में इसका विरोध शुरू हुआ। जब पाकिस्तान के मंत्री ने यह मुद्दा ब्रिटैन की संसद में उठाया तो भारतीय मूल के ब्रिटैन पीएम ऋषि सुनक ने भारत का साथ देते हुए कहा के वे अपने मूल राष्ट्र के बारे में उल्टा सीधा कुछ नहीं सुनेंगे।
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2002 में हुए गुजरात के दंगो को लोग आज भी नहीं भूल पाए है। और इन् दंगो को याद करना बोहोतो के घाव खुरदने बराबर है। देश मे अक्सर दो मुख्य समुदाय के बीच तनाव देखा गया है। और इस बीच इस प्रकार की डाक्यूमेंट्री को देश में रिलीज़ करना देश में हिंसा फैला सकता है।
इसी के चलते सुचना अवं प्रसारण मंत्रालय ने यूट्यूब और ट्विटर इस डाक्यूमेंट्री को इस डाक्यूमेंट्री से जुड़ा वीडियो ब्लॉक करने का आदेश दिया है। मंत्रालय ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा है की इस डॉक्यूमेण्ट्री से सम्बंधित कोई भी क्लिप लिंक शेयर नहीं होनी चाइये। यह आदेश IT Rules 2021 की आपात शक्तियों के तहत दिया गया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची डाक्यूमेंट्री को ” प्रोपैगैंडा पीस ” करार दिया। हलाकि विपक्ष इस निर्णय की निंदा कर रहा है।