Heart Attack : देश में लगातार हार्ट अटैक के मामले बढ़ते जा रहै है। हाल ही में नवरात्रि में कई ऐसे मामले आए थे जब लोग गरबा करते हुए कार्डियक अरेस्ट का शिकार हुए थे। लगातार बढ़ रहे मामलों के कारण इस मुद्दे को लेकर सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है। इस के चलते दिल की बिमारियां और बढ़ते हर्ट अटैक के मामलों को देखते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इस कॉन्फ्रेंस में डॉ चिराज दोशी, डॉ. मिलन छग, डॉ. भावेश रॉय, डॉ. रसेश पोथीवाला शामिल रहे। कॉन्फ्रेंस में सभी डॉक्टरों ने लोगों को दिल की दौरा और होने वाली बिमारियों से सावधान करते हुए विशेष जानकारी दी.. आइए जानते है कि कैसे हम कर सकते है अपनी देखभाल…
52 प्रतिशत युवाओं की हुई मौत
आज के आधुनिक युग में हर्ट अटैक का शिकार सिर्फ उम्रदराज लोग ही नहीं बल्कि कम उम्र के युवा भी इसका शिकार होते जा रहे है। यही कारण है कि दिन पर दिन मृत्यु दर में भी लगातार बढ़ोत्तरी होती जा रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 52% युवा लोगों की मौत हार्ट अटैक के कारण होती है।
धमनियों तक नहीं पहुंच पाता है रक्त
डॉक्टरों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रक्त में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न पहु्चने के कारण रक्त धमनियों तक हीं पहुंच पाता है और इस कारण धमनियों में रुकावट पैदा हो जाती है। इसके अलावा, न केवल दिल का दौरा, बल्कि बड़े मस्तिष्क के दौरे को भी मस्तिष्क का दौरा माना जा सकता है। सामान्य दिल की धड़कन 60 से 90 मानी जाती है। लेकिन जब कोई शारीरिक व्यायाम किया जाता है, तो दिल की धड़कन 120 से 150 तक पहुंच जाती है। लेकिन जब दिल की धड़कन 160 तक पहुंच जाती है तो यह भी दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ने का कारण बनता है और दिल सामान्य आकार से थोड़ा बड़ा हो जाता है।
ऐसे लक्षण दिखे तो तुरंत पहुंचे डॉक्टर के पास
डॉक्टर्स ने बताया कि सीने में दर्द, चलने या कोई भी काम करने पर जल्दी थक जाना या सांस लेने में किसी तरह की दिक्कत हो तो इसे गंभीर मानकर डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए और जरूरी इलाज कराना चाहिए। इनमें से 30% मामले हार्ट अटैक (Heart Attack) के भी होते हैं, जिन्हें हाइपर टेंशन का कारण भी माना जाता है। इसके अलावा धूम्रपान और तंबाकू भी जिम्मेदार है। 2020 से पहले युवाओं में 8 से 11% हार्ट अटैक देखा जाता था, जो आज बढ़कर 12% हो गया है। तो हम समझ सकते हैं कि कोरोना के बाद कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है। ऐसे में जिन लोगों को लगता है कि वैक्सीन के कारण ऐसा हो रहा है तो वह गलत सोच रहे है। इसका कोविड वैक्सीन से कोई लेना-देना नहीं है।
अगली पीढ़ी तक ट्रांसफर हो सकती है बिमारी
डॉ.चिराग दोशी ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को दिल की बीमारी है तो यह बीमारी अगली पीढ़ी तक भी जा सकती है। इसके साथ ही अगर किसी व्यक्ति को सांस की बिमारी है तो उसे अन्य लोगों के मुकाबले ज्यादा सचेत रहना चाहिए। डॉ चिराग ने बताया कि दिल की बिमारी बढ़ने का मुख्य कारण बदलती जीवनशैली भी है। उन्होंने आगे बोला कि आज के समय में लोग फास्ट फूड का ज्यादा सेवन कर रहे है जो सेहत और दिल के लिए काफी हानिकारक है। इसके साथ ही धुम्रपान और तंबाकू भी इसके प्रमुख कारणों में से एक है।
कैसें रखे अपना ख्याल
डॉ. मिलम चुग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कम उम्र के व्यक्ति को दिल का दौरा नहीं पड़ता बल्कि वह कार्डियक अरेस्ट का शिकार होते है। उन्होंने आगे बताया कि इससे बचाव के लिए लोगों को नियमित व्यायाम करना चाहिए और जंक फूड का सेवन करने से बचना चाहिए और हेल्दी डाइट की ओर जाना चाहिए। इसके साथ ही लोगों को अपने गोल सेट करने चाहिए और एक बेहतर लाइफस्टाइल और हेल्दी जीवनशैली की ओर बढ़ना चाहिए।
समय-समय पर कराएं स्क्रीनिंग
डॉ भावेश रॉय ने बताया कि अगर आप को ऐसा कोई भी लक्षण दिखे जिससे आपको लगे कि आप को दिल की बिमारी हो सकती है तो समय-समय पर अपनी स्क्रीनिंग करानी चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि आज दिल की बिमारी से लगभग 100 मौतें हो रही है जिसमें 10 मौतें अचानक होती है। उन्होंने आगे बताया कि कार्डियक अरेस्ट और दिल का दौरा अलग-अलग बिमारियां है। इन्हें एक समझने की गलती न करें।
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