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मलिक को क्यों नवाब बनाकर रख रही है अजित पवार की एनसीपी?

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को अब बस कुछ ही दिन रह गए हैं। लेकिन राजनीतिक पार्टियों के बीच अपने घटक दलों के साथ का मनमुटाव अभी तक खत्म नहीं हुआ है। इस बीच अजित पवार गुट की एनसीपी से उम्मीदवार नवाब मलिक (nawab malik) ने ऐसा कुछ कह दिया है कि बीजेपी-शिवसेना (शिंदे गुट) की अजित पवार के बीच जारी मनमुटाव फिर से जग जाहिर हो गई है।

नवाब मलिक ने की अजित पवार की तारिफ

महाराष्ट्र में सबसे हॉट सीटों में से एक मानखुर्द शिवाजी नगर है। यहां बीते गुरुवार को नवाब मलिक ने एक रैली की। इस रैली में अजित पवार भी शामिल हुए। अपने भाषण के दौरान नवाब मलिक ने अजित पवार की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आज अजित पवार के स्वागत के लिए लोग जगह-जगह खड़े हैं। मैं बीजेपी से चुनाव नहीं लड़ रहा। मैं राष्ट्रवादी का उम्मीदवार हूं। इस चुनाव में बीजेपी-शिवसेना (शिंदे गुट) ने मेरे खिलाफ उम्मीदवार उतारा है। महायुति और एमवीए मेरे खिलाफ है। लेकिन मेरी जनता मेरे साथ है।

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‘मैं अब चुनाव नहीं लड़ना चाहता था’

रैली में बोलते हुए मलिक ने आगे कहा कि मैं अब चुनाव नहीं लड़ना चाहता था। मेरी जगह सना को चुनाव लड़ना था। मैंने पहले ही सोच लिया था कि अब मैं राजनीति में चुनाव नहीं लडूंगा। लेकिन मानखुर्द के लोगों ने मुझसे कहा कि हमें नशाखोरी और गुड़ागर्दी से मुक्ति चाहिए।

नवाब मलिक ने लगाए बड़े आरोप

नवाब मलिक ने आरोप लगाते हुए कहा कि यहां जो उम्मीदवार खड़े हैं, उनको धमकी दी गई है या पैसे से खरीद लिया गया है। लेकिन नवाब मलिक को पैसे से कोई नहीं खरीद सकता और ना ही डरा सकता है। इस बार का चुनाव मैं यहां की जनता के कहने पर लड़ रहा हूं। यहां चुनाव मैं नहीं बल्कि जनता लड़ रही है। उन्होंने ही चुनाव अभियान अपने हाथों में ले रखा है। इस बार चुनाव के नतीजे चौंकाने वाले आएंगे।

चुनाव प्रचार के दौरान अजित पवार अणुशक्तिनगर पहुंचे। यहां उन्होंने नवाब मलिक की बेटी सना मलिक के लिए भी प्रचार किया। इस दौरान अजित पवार ने जनता से कहा कि लोगों से हम नहीं बल्कि हमारा काम बोल रहा है।

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मलिक को क्यों नवाब बना कर रखी है एनसीपी

अजित पवार की ऐसी क्या मजबूरी है कि उन्हें नवाब मलिक को टिकट देना पड़ा है। दरअसल, इस साल हुए लोकसभा चुनाव में अजित पवार की पार्टी को सिर्फ चार सीटें ही मिली थी। वहीं विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 288 सीटों में से भी सबसे कम सीट उनकी पार्टी को मिली। हर बार एनसीपी को कम चीजे मिलने पर पार्टी के नेता अब और समझौता नहीं करना चाहते थे।

बीजेपी अजित पवार पर बना रही थी दबाव

वहीं बीजेपी लगातार अजित पवार पर दबाव बना रही थी कि वह नवाब मलिक को टिकट ना दें। अजित पवार को इस मामले में अपने करीबी लोगों और पार्टी के नेताओं से भी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। पवार को कहीं ना कहीं खुद को भी पार्टी के सामने साबित करना था और उनके लिए यही सही समय था। उन्होंने बीजेपी की नहीं सुनी और पार्टी के शीर्ष पांच नेताओं में से एक नवाब मलिक को टिकट दिया।

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मलिक मुस्लिम समुदाय का प्रमुख चेहरा

बता दें कि नवाब मलिक मुस्लिम समुदाय में एक प्रमुख चेहरा भी हैं। अगर NCP उन्हें टिकट नहीं देती तो लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी मुस्लिम वोटर उनसे दूर हो सकता था। मुस्लिम वोटर शुरू से एनसीपी से जुड़ा रहा है।

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