शेख हसीना

शेख हसीना को मिलेगी भारत में शरण? विदेश मंत्रालय ने प्रत्यर्पण को लेकर कहा ‘नो कमेंट’

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है। अब सवाल ये है कि क्या भारत शेख हसीना को बांग्लादेश की सरकार सौंपेगा या उन्हें अभी भारत में रहने का और समय मिलेगा। बता दें कि बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से ही पूर्व पीएम शेख हसीना भारत में रह रही हैं। अब सवाल ये है कि क्या उन्हें भारत में शरण मिलेगी।

क्या है मामला

बता दें कि बीते कई महीनों से सूत्रों के हवाले से ये सामने आ रहा था कि बांग्लादेश सरकार शेख हसीना का भारत से प्रत्यर्पण चाहती है. जिसके बाद आज यानी 23 दिसंबर को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने आखिरकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है. इतना ही नहीं बांग्लादेश ने इसके लिए भारत सरकार को चिट्ठी भी लिखी है।

क्या वापस जाएंगी शेख हसीना?

बांग्लादेश की चिट्ठी आने के बाद हर तरफ ये सवाल उठ रहा है कि क्या शेख हसीना का प्रत्यर्पण होगा। इसको लेकर भारत सरकार के विदेश मंत्रालय का भी रिएक्शन आया है। दरअसल भारतीय विदेश मंत्रालय ने अभी फिलहाल इस मुद्दे पर शांति बनाई हुई है, भारत ने कहा है कि ‘नो कमेंट’। भारतीय विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं है। एमईए के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि हम पुष्टि करते हैं कि हमें प्रत्यर्पण अनुरोध के संबंध में आज बांग्लादेश उच्चायोग से एक नोट वर्बल मिला है। लेकिन फिलहाल हमारे पास इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं है।

बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की सरकार 

गौरतलब है कि शेख हसीना 5 अगस्त, 2024 को बड़े पैमाने पर बांग्लादेश में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बीच बांग्लादेश से भारत आ गई थी। इतना ही नहीं मोहम्मद यूनुस की अंतिम सरकार ने शेख हसीना को बांग्लादेश में हुई हिंसा और मौतों का दोषी मानती है और उनके ऊपर कई केस दर्ज हुए हैं।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा

बता दें कि बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से ही वहां पर रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार और हमला हो रहा है। इतना ही नहीं बांग्लादेश सरकार ने हिंदु पुजारियों समेत कई लोगों को देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार भी किया है। वहीं इन सभी घटनाओं पर भारत सरकार ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। बांग्लादेश में हिंदुओं पर जारी हमले को लेकर भारत में भी कई जगहों पर प्रदर्शन हुए हैं।