दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और बीजेपी की जबरदस्त जीत के बाद अब मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर खासी चर्चा हो रही है। बीजेपी के अंदर सीएम का चेहरा तय करने को लेकर मंथन चल रहा है। इस बार कुछ नया हो सकता है, क्योंकि चर्चा हो रही है कि बीजेपी महिला विधायक को भी सीएम का चेहरा बना सकती है। इसके अलावा, पार्टी मंत्रिमंडल में दलितों और महिलाओं को अच्छी जगह देने की सोच रही है, ताकि समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व सही से हो सके। पीएम मोदी के विदेश दौरे से लौटने के बाद दिल्ली में नई सरकार का शपथ ग्रहण हो सकता है। लेकिन उससे पहले यह तय किया जाएगा कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी की रणनीति इस बार कुछ अलग हो सकती है, और महिला विधायक को सीएम के रूप में पेश करने की संभावना जताई जा रही है।
सोशल इंजीनियरिंग पर खास ध्यान दे रही है भाजपा
दिल्ली के चुनाव नतीजे के बाद बीजेपी की पूरी कोशिश यह होगी कि पार्टी हर वर्ग का ध्यान रखे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पार्टी सोशल इंजीनियरिंग पर खास ध्यान दे रही है। इस बार बीजेपी डिप्टी सीएम का पद भी बना सकती है, ताकि अलग-अलग जातियों और समुदायों को संतुष्ट किया जा सके। इसके साथ ही, मंत्रिमंडल में महिलाओं और दलितों का प्रतिनिधित्व बढ़ाने पर भी विचार हो रहा है, ताकि पार्टी का संदेश हर वर्ग तक पहुंचे।
पीएम मोदी की अहम बैठक और मंत्रिमंडल पर चर्चा
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ एक अहम बैठक की। इस बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री के चेहरे और मंत्रिमंडल की संरचना पर चर्चा हुई। हालांकि, पार्टी की ओर से इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। सिर्फ यही नहीं, दिल्ली से जुड़े मामलों पर एक और अहम बैठक रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के घर पर हुई थी, जिसमें बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन महामंत्री बीएल संतोष, दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और दिल्ली चुनाव प्रभारी वैजयंत जयपांडा भी मौजूद थे। यह बैठक दिल्ली के सीएम चेहरा और मंत्रिमंडल पर मंथन करने के लिए आयोजित की गई थी।
सीएम के लिए इन नेताओं का चल रहा है नाम
अब तक बीजेपी के अंदर जिन नेताओं के नाम सीएम के तौर पर सामने आए हैं, उनमें पांच नाम सबसे ऊपर हैं। इन नामों पर लगातार चर्चा हो रही है और पार्टी जल्द ही फैसला कर सकती है।
प्रवेश वर्मा
प्रवेश वर्मा का नाम पहले नंबर पर आता है, क्योंकि उन्होंने नई दिल्ली विधानसभा सीट पर अरविंद केजरीवाल को हराया था। उन्हें बीजेपी का युवा चेहरा माना जाता है, और दिल्ली में उनके समर्थन के लिए काफी संख्या में लोग तैयार हैं।
सतीश उपाध्याय
सतीश उपाध्याय को बीजेपी का ब्राह्मण चेहरा माना जाता है। उनके नाम को लेकर भी अंदरखाने चर्चा हो रही है। पार्टी ने कई बार ब्राह्मण वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए सतीश उपाध्याय का नाम लिया है।
आशीष सूद
आशीष सूद का नाम तीसरे नंबर पर है। वे दिल्ली बीजेपी के पंजाबी चेहरा माने जाते हैं। वे पार्टी के महासचिव रह चुके हैं और पार्षद भी रहे हैं। उनकी राजनीतिक पहचान काफी मजबूत है, और उनकी सटीक रणनीति के कारण वे इस रेस में मजबूत उम्मीदवार हैं।
जितेंद्र महाजन
जितेंद्र महाजन का नाम भी सीएम की रेस में है। वह वैश्य समाज से आते हैं और उन्हें आरएसएस से करीबी संबंध माना जाता है। उनके नाम पर भी पार्टी में विचार हो रहा है।
विजेंद्र गुप्ता
पाँचवें नंबर पर विजेंद्र गुप्ता का नाम आता है। वह दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष हैं और पार्टी के वैश्य चेहरा माने जाते हैं। दिल्ली के अंदर उनकी पहचान काफी मजबूत है और उन्हें पार्टी के भीतर एक मजबूत नेता के तौर पर देखा जाता है।
क्या बीजेपी दिल्ली में डिप्टी सीएम बनाएगी?
बीजेपी की रणनीति में इस बार बदलाव हो सकता है। कई राज्यों में बीजेपी ने डिप्टी सीएम पद का गठन किया है, और अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या दिल्ली में भी ऐसा कुछ हो सकता है? पार्टी का ध्यान इस बार दिल्ली में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाने पर रहेगा, ताकि हर वर्ग के लोग संतुष्ट हों। इसी वजह से डिप्टी सीएम का पद बनाने की संभावना जताई जा रही है। अगर दिल्ली में डिप्टी सीएम बनता है, तो इससे पार्टी का संदेश साफ होगा कि वह समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने का इरादा रखती है। खासकर दलित और महिला समुदाय को मंत्रिमंडल में अच्छा प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की जाएगी।
दिल्ली के मंत्रिमंडल में संतुलन का ख्याल रखेगी बीजेपी
दिल्ली की अगली सरकार में मंत्रिमंडल की संरचना में बदलाव देखने को मिल सकता है। पार्टी के भीतर चर्चा चल रही है कि मंत्रिमंडल में किसे किस विभाग की जिम्मेदारी दी जाएगी और किसे कौन सा पद मिलेगा। खासतौर पर महिलाओं और दलितों को मंत्रिमंडल में अच्छी जगह मिल सकती है। बीजेपी का यह कदम समाज के सभी वर्गों को एकसाथ लाने का तरीका हो सकता है। इसके अलावा, दिल्ली की जनता को एक ऐसा संदेश देने की भी कोशिश की जा रही है, जिसमें यह दिखे कि बीजेपी सभी वर्गों का ख्याल रखती है। अब देखना यह होगा कि पार्टी किसे दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के रूप में चुनती है। क्या वह महिला विधायक को सीएम बनाएगी, या फिर किसी पुरुष विधायक को? यह सवाल फिलहाल खुला है, और जल्द ही इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
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