8 march women's day

Women’s Day Special: जानें करमजीत की कहानी, जो परिवार की जिम्मेदारी निभाने के लिए पति संग चलाती हैं ट्रक

International Women’s Day: महिला अपने आप में काफी सशक्त होती है। हालांकि, रूढ़िवादिता के चलते महिला एक चार-दिवारी में बंद होकर रह जाती है। इससे उनकी क्षमताएं, प्रतिभा और कला बस घर के काम-काज यानी चूल्हा-चौका करते हुए ही खत्म हो जाती है। कई महिलाएं तो ऐसी हैं, जो घर से बाहर निकलने के बारे में भी नहीं सोच पाती हैं। ऐसे में सच कहें तो महिलाओं को अपनी शक्तियों का एहसास ही नहीं होता।

अपने पति के साथ ट्रक चलाती करमजीत की इंस्पायरिंग कहानी

हालांकि, अगर लेडीज को सही शिक्षा, सही गाइडेंस और मौके दिए जाएं, तो वे अपने आप को साबित कर सकती हैं। हमारे सामने ऐसी कई महिलाओं (mahila divas) के उदाहरण हैं, जिन्होंने खुद को साबित किया है और बताया है कि अगर वे ठान लें, तो हर क्षेत्र में पुरुष के कंधे से कंधा मिलाकर चल सकती हैं। ऐसी ही एक महिला हैं करमजीत, जो ट्रक चलाती हैं और परिवार की जिम्मेदारी को निभाने में अपने पति का साथ दे रही हैं। आइए महिला दिवस (mahila diwas 2025)  के मौके पर आपको उनकी इंस्पायरिंग कहानी बताते हैं।

बता दें कि करमजीत पंजाब के बठिंडा की रहने वाली हैं। उनके पति का नाम गगनदीप है, जो एक ट्रक ड्राइवर हैं। पति-पत्नी दोनों साथ में ट्रक चलाते हैं। हाल ही में, कपल को ट्रक के साथ राजस्थान के जिले बांसवाड़ा में भारतीय खाद्य निगम के गोदाम के बाहर कतार में खड़े देखा गया था, जहां हर कोई करमजीत को ट्रक रिवर्स करते देख चौंक गया।

4 सालों से ट्रक चला रही हैं करमजीत

बता दें कि करमजीत पिछले चार सालों से अपने पति के साथ ट्रक चला रही हैं। अपनी बातचीत में उन्होंने बताया कि घर की कुछ मजबूरियां थीं, जिसकी वजह से उन्होंने पति के साथ ट्रक चलाने और जिम्मेदारियों का आधा भार अपने कंधों पर लेने का फैसला किया। इसके बाद से वह करीब चार साल से अपने पति के साथ ट्रक ड्राइविंग कर रही हैं। दरअसल, जब कई बार सफर लंबा होता है, जो कई-कई दिन तक चलता है, तो वह खुद भी गाड़ी चलाती हैं।

वैसे, यहां यह बताना जरूरी है कि ट्रक चलाना आसान नहीं होता और इसकी ड्राइविंग थोड़ी अलग होती है। ऐसे में करमजीत बताती हैं कि उन्होंने ट्रक चलाना अपने पति से ही सीखा है। पहले उन्हें इसे चलाते हुए थोड़ा डर लगा था, लेकिन धीरे-धीरे सब सामान्य हो गया। अब, वह आसानी से ट्रक चला लेती हैं।

वह आगे बताती हैं कि वह लगातार चार घंटे तक गाड़ी चला लेती है। वहीं, अगर गाड़ी में माल ज्यादा भरा हो, तो ट्रक को तिरपाल ढककर उसे जब रस्सों से बांधना होता है, तो वह यह काम भी कर लेती हैं।

यह तो सभी जानते हैं कि आमतौर पर ट्रक और ट्रोले चलाना पुरूषों का काम है, लेकिन करमजीत ने यह साबित किया है कि महिलाएं भी यह काम कर सकती हैं और जब बात अपने परिवार को चलाने की हो, तो एक महिला कभी पीछे नहीं हटती और अपने पति के साथ बराबर की जिम्मेदारी निभा सकती है।

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