चीन ने दुनिया की सबसे लंबी मोटरवे टनल बनाने के लिए पहाड़ों के नीचे खुदाई शुरू कर दी है। यह टनल तीन अरब पाउंड की एक बड़ी परियोजना का हिस्सा है। इस टनल की लंबाई 13 मील होगी और यह टियनशान शेंग्ली टनल, जो दुनिया की सबसे लंबी पहाड़ी श्रृंखलाओं में से एक है, को पार करेगी। इस प्रोजेक्ट से लोगों के सफर के समय में कुछ कमी आएगी।
यह टनल चीन के शिनजियांग प्रांत में बनाई जा रही है, जो दुनिया के सबसे कठिन और विविध भौगोलिक क्षेत्रों में से एक है। इस टनल के बनने से यात्रा का समय कम होगा और सुरक्षा तथा आर्थिक विकास में भी सुधार होगा। यह मोटरवे टनल अक्टूबर 2025 में यातायात के लिए खोल दी जाएगी। इस टनल के माध्यम से टियनशान पर्वतों से यात्रा करने में करीब 20 मिनट की बचत होगी।
दक्षिणी शिनजियांग के प्रमुख शहर उरुमकी से कोरला तक की 300 मील लंबी यात्रा अब दो घंटे से भी कम समय में पूरी हो जाएगी। इस परियोजना का काम 2016 में शुरू हुआ था और इसे 2031 तक पूरा होने की उम्मीद है।
सुरंग ने चीन को क्या होगा फायदा?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस परियोजना के पूरा होने से शिनजियांग के पिछड़े क्षेत्रों में व्यापार और आर्थिक विकास को बहुत फायदा होगा। मध्य एशिया एक अच्छा रिटर्न और जोखिम का संतुलन प्रदान करता है और यह क्षेत्र अपनी समृद्ध ऊर्जा संसाधनों के लिए भी जाना जाता है। आर्थिक फायदे के साथ-साथ यह सुरंग चीन को भू-राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण लाभ देने वाली है।
इन देशों से गुजरेगी सुरंग
शी जिनपिंग की सरकार ने इस परियोजना के लिए 3 अरब पाउंड का निवेश किया है, जो शिनजियांग के आर्थिक विकास और सुरक्षा को बढ़ावा देने में मदद करेगी। शिनजियांग एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जो आठ देशों की सीमा से जुड़ा हुआ है, जिनमें रूस, मंगोलिया, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत शामिल हैं। यह क्षेत्र मध्य एशिया और दक्षिण एशिया के बीच एक अहम स्थान पर स्थित है, जिसकी वजह से यह एक प्रमुख आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य केंद्र बन गया है।
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