isro black hole mission

XpoSAT Satellite Explained: लॉन्च हुआ इसरो का पहला ब्लैक होल मिशन, जानिए इसकी खासियत और सब कुछ…

आज लॉन्च किया गया इसरो (ISRO) का ‘XPoSat’ सैटेलाइट. इस मिशन के जरिए ब्लैक होल जैसी खगोलीय संरचनाओं के पीछे के रहस्य को सुलझाने की कोशिश है। ये प्रक्षेपण अक्टूबर में गगनयान परीक्षण वाहन ‘D1 mission’ की सफलता के बाद किया गया है। मिशन का जीवनकाल (life span) लगभग पांच वर्ष का होगा। ये भारत का पहला समर्पित ‘Polarimeter’ मिशन है। इससे ब्लैक होल के रहस्यमय पहलुओं का अध्ययन करने में मदद मिलेगी।

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1 जनवरी 2024 को सुबह 9 बजे इसरो ने इतिहास रच दिया है. XPoSAT उपग्रह को साल के पहले ही दिन श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया। ये उपग्रह अंतरिक्ष में विकिरण का अध्ययन करेगा। उनके स्रोतों की तस्वीरें ली जाएंगी. इसमें लगा टेलीस्कोप रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा बनाया गया है। ये उपग्रह ब्रह्मांड में 50 उज्ज्वल स्रोतों का अध्ययन करेगा। जैसे- पल्सर, ब्लैक होल एक्स-रे बाइनरी, सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक, गैर-थर्मल सुपरनोवा (pulsars, black holes X-ray binaries, active galactic nuclei, non-thermal supernovae)। इस सैटेलाइट को 650 किमी की ऊंचाई पर लॉन्च किया गया.

आपको बात दें कि इसरो ने ये अभियान 2017 में शुरू किया था. इस अभियान की लागत 9.50 करोड़ रुपये है. प्रक्षेपण के लगभग 22 मिनट बाद एक्सपोसैट उपग्रह अपनी निर्धारित कक्षा में स्थापित हो जाएगा। उपग्रह में दो पेलोड हैं। पहला- POLIX और दूसरा- XSPECT.

पोलिक्स क्या है ? (What is Polix ?)

पोलिक्स इस उपग्रह का मुख्य पेलोड है। इसे रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट और यूआर राव सैटेलाइट सेंटर द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। 126 किलोग्राम का ये उपकरण अंतरिक्ष स्रोतों के चुंबकीय क्षेत्र, विकिरण, इलेक्ट्रॉन आदि का अध्ययन करेगा। ये 8-30 keV range में ऊर्जा बैंड का अध्ययन करेगा। पोलिक्स अंतरिक्ष की 50 सबसे चमकीली वस्तुओं में से 40 का अध्ययन करेगा।

एक्सस्पेक्ट क्या है ? (What is XSPECT ?)

XSPECT का मतलब एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी (X-ray Spectroscopy) और समय (Time) है। यह 0.8-15 केवी रेंज में ऊर्जा बैंड का अध्ययन करेगा। यानी यह पोलक्स (Pollux) की रेंज से कम ऊर्जा बैंड का अध्ययन करेगा। यह पल्सर, ब्लैक होल बाइनरी, कम-चुंबकीय क्षेत्र न्यूट्रॉन तारे, मैग्नेटर आदि का अध्ययन करेगा।

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नासा (NASA) ने भी एक अध्ययन किया 

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) के अलावा, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने दिसंबर 2021 में सुपरनोवा विस्फोटों (supernova explosions) के अवशेषों, ब्लैक होल से निकले कणों की धाराओं और अन्य खगोलीय घटनाओं पर एक समान अध्ययन किया था। इसरो ने कहा कि एक्स-रे ध्रुवीकरण (X-ray polarization) का अंतरिक्ष-आधारित अध्ययन अंतरराष्ट्रीय महत्व प्राप्त कर रहा है और XPoSat Mission इस संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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