Yoga For Diabetes Control: योग एक प्राचीन अभ्यास है जो कई शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक लाभ प्रदान करता है, जिससे यह डायबिटीज वाले व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है। योग (Yoga For Diabetes Control) के नियमित अभ्यास से मधुमेह रोगियों को अपने रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने, इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने, परिसंचरण को बढ़ाने, तनाव को कम करने और समग्र कल्याण को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है। यहां आठ योग आसन हैं जो मधुमेह के रोगियों में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हैं:
सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar)
सूर्य नमस्कार बारह योग मुद्राओं (Yoga For Diabetes Control) का एक क्रम है जो निरंतर क्रम में किया जाता है। इसमें आगे की ओर झुकना, पीछे की ओर झुकना और स्ट्रेचिंग व्यायाम का संयोजन शामिल है। सूर्य नमस्कार रक्त परिसंचरण में सुधार, अग्न्याशय को उत्तेजित करने और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाने में मदद करता है। सूर्य नमस्कार के नियमित अभ्यास से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।
वृक्षासन (Tree Pose )
वृक्षासन एक संतुलन मुद्रा है जो एकाग्रता, संतुलन और स्थिरता में सुधार करने में मदद करता है। इसमें एक पैर पर दूसरे पैर को खड़े पैर की भीतरी जांघ पर रखकर खड़ा होना शामिल है। वृक्षासन अग्न्याशय को उत्तेजित करता है और पेट के क्षेत्र में रक्त परिसंचरण में सुधार करता है, जो Sugar के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त, यह मुद्रा विश्राम (Yoga For Diabetes Control)को बढ़ावा देती है और तनाव को कम करती है।
पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)
पश्चिमोत्तानासन आगे की ओर बैठकर किया जाने वाला आसन है जो हैमस्ट्रिंग, पीठ के निचले हिस्से और रीढ़ की हड्डी सहित पूरी पिछली श्रृंखला को फैलाता है। यह मुद्रा अग्न्याशय सहित पेट के अंगों को उत्तेजित करती है और पाचन में सुधार करती है। पश्चिमोत्तानासन इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाकर और बेहतर ग्लूकोज चयापचय को बढ़ावा देकर Sugar के स्तर को कम करने में मदद करता है।
भुजंगासन (Cobra Pose)
भुजंगासन एक बैकबेंड आसन है जो पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है और पेट को फैलाता है। इसमें श्रोणि को ज़मीन पर रखते हुए छाती और शरीर के ऊपरी हिस्से को ऊपर उठाना शामिल है। भुजंगासन अग्न्याशय (Yoga For Diabetes Control) को उत्तेजित करता है और पेट क्षेत्र में रक्त परिसंचरण में सुधार करता है, जो इंसुलिन स्राव और Sugar के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
धनुरासन (Dhanurasana)
धनुरासन एक बैकबेंड आसन है जो धनुष के आकार जैसा दिखता है। इसमें पेट के बल लेटना और हाथों से टखनों को पकड़ते हुए पैरों और छाती को जमीन से ऊपर उठाना शामिल है। धनुरासन पूरे सामने वाले शरीर को फैलाता है और अग्न्याशय सहित पेट के अंगों को उत्तेजित करता है। यह मुद्रा इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार और बेहतर ग्लूकोज उपयोग को बढ़ावा देकर रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है।
हलासन (Halasana )
हलासन एक उलटा आसन है जिसमें पीठ के बल लेटना और सिर के पीछे फर्श को छूने के लिए पैरों को ऊपर उठाना शामिल है। यह मुद्रा थायरॉयड और पैराथायराइड ग्रंथियों को उत्तेजित करते हुए रीढ़, कंधों और हैमस्ट्रिंग को फैलाती है। हलासन इंसुलिन उत्पादन सहित चयापचय और हार्मोन स्राव को विनियमित करने में मदद करता है, जिससे रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित किया जाता है।
सेतु बंधासन (Bridge Pose)
सेतु बंधासन एक बैकबेंड आसन है जो पीठ, नितंबों और जांघों को मजबूत बनाता है। इसमें पीठ के बल लेटना और कूल्हों को छत की ओर उठाना शामिल है। सेतु बंधासन अग्न्याशय सहित पेट के अंगों को उत्तेजित करता है, और पेट क्षेत्र में रक्त परिसंचरण में सुधार करता है। यह मुद्रा इंसुलिन स्राव और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम (Anulom Vilom Pranayama)
अनुलोम-विलोम प्राणायाम एक सांस लेने की तकनीक है जिसमें बारी-बारी से नाक से सांस लेना शामिल है। यह तंत्रिका तंत्र को संतुलित करने, तनाव कम करने और इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में मदद करता है। अनुलोम-विलोम प्राणायाम विश्राम और मानसिक स्पष्टता को बढ़ावा देता है, जो Sugar के स्तर को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए आवश्यक है।
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