Yoga For Diabetics: लखनऊ। योग शारीरिक गतिविधि, तनाव में कमी और बोध क्षमता को बढ़ावा देकर डायबिटीज को मैनेज करने का एक बहुत ही उत्तम साधन है। विशिष्ट आसन, प्राणायाम, और ध्यान के माध्यम से, योग (Yoga For Diabetics) इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार, ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद करता है।
योग (Yoga For Diabetics) के नियमित अभ्यास से वजन को कम करने में मदद मिल सकती है, ऊर्जा का स्तर बढ़ सकता है और डायबिटीज से संबंधित जटिलताओं का खतरा कम हो सकता है। इसके अतिरिक्त, योग तनाव को कम करने में मदद करता है, जो डायबिटीज प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालाँकि, मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों के लिए योग सहित कोई भी नया व्यायाम शुरू करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।
आज हम इस आर्टिकल में आपको पांच ऐसे ही योगासनों (Yoga For Diabetics)से रूबरू करवाएंगे जिनको अपने जीवन शैली में शामिल करने से आपको डायबिटीज से राहत मिल सकती है। आइये डालते हैं एक नजर:
सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar)
सूर्य नमस्कार 12 योग (Yoga For Diabetics) मुद्राओं का एक क्रम है। यह अग्न्याशय को उत्तेजित करने, ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने और मेटाबॉलिज़्म क्रिया को बढ़ाने में मदद करता है। सूर्य नमस्कार के नियमित अभ्यास से ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने और वजन घटाने में मदद मिल सकती है। यह दोनों पहलू डायबिटीज के मैनेजमेंट के लिए बहुत दोनों आवश्यक हैं।
पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)
पश्चिमोत्तानासन में पैरों को फैलाकर फर्श पर बैठना और पैर की उंगलियों को छूने के लिए आगे झुकना शामिल है। यह आसन हैमस्ट्रिंग को फैलाने, पैंक्रियास को उत्तेजित करने और पेट के अंगों की मालिश करने में मदद करता है। यह पाचन में सुधार कर सकता है, इंसुलिन स्राव (Yoga For Diabetics) को नियंत्रित कर सकता है और डायबिटीज के लक्षणों को कम कर सकता है।
धनुरासन (Dhanurasana)
धनुरासन में पेट के बल लेटकर छाती और पैरों को धनुष के समान जमीन से ऊपर उठाना शामिल है। यह मुद्रा पेट की मांसपेशियों को फैलाती है, पैंक्रियास की मालिश करती है और पेट के अंगों में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करती है। धनुरासन के नियमित अभ्यास से ब्लड शुगर (Yoga For Diabetics) के स्तर को नियंत्रित करने और पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद मिल सकती है।
भुजंगासन (Bhujangasana)
भुजंगासन में पेट के बल लेटना और बाजुओं के सहारे शरीर के ऊपरी हिस्से को ऊपर उठाना शामिल है। यह आसन रीढ़ की हड्डी को फैलाता है, पेट के अंगों को उत्तेजित करता है और पाचन में सुधार करता है। यह पैंक्रियास की मालिश करने, इंसुलिन उत्पादन और ब्लड शुगर रेगुलेशन (Yoga For Diabetics) को बढ़ावा देने में भी मदद करता है।
वज्रासन (Vajrasana)
वज्रासन एक साधारण बैठने की मुद्रा है जहां व्यक्ति जमीन पर घुटनों के बल बैठता है, रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए एड़ियों के बल बैठता है। यह मुद्रा पाचन में सहायता करती है, पैंक्रियास को उत्तेजित करती है और इंसुलिन (Yoga For Diabetics) संवेदनशीलता में सुधार करती है। भोजन के बाद वज्रासन का अभ्यास ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने और ग्लूकोज में बढ़ोतरी को रोकने में मदद कर सकता है।