Yoga for Digestion: लखनऊ। योग शरीर के कई समस्याओं का इलाज माना जाता रहा है। योग (Yoga for Digestion) के माध्यम से पाचन और पेट सम्बन्धी स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है। कई योगासन ऐसे हैं जिनको अपने दिनचर्या में शामिल करने से मन को शांत तो मिलती ही है साथ ही पाचन तंत्र को नियंत्रित करने में मदद मिल सकता है। नियमित रूप से योग का अभ्यास बेहतर पाचन में योगदान दे सकता है।
कई योगासन (Yoga for Digestion) ऐसे हैं जो पाचन को उत्तेजित करने, गैस और सूजन से राहत देने और पेट के अंगों की मालिश करने में मदद करते हैं। यही नहीं योग के माध्यम से पेट क्षेत्र में सर्कुलेशनऔर डेटोक्सिफिकेशन को बढ़ाया जाता है जिससे पाचन में सुधार करने में मदद मिलती है। आज हम इस आर्टिकल में पांच ऐसे ही योगासनों के बारे में बात कर्नेगे जो पाचन सम्बन्धी समस्या हो दूर भगाते हैं।
योग (Yoga for Digestion) के माध्यम से पाचन स्वास्थ्य में सुधार के लिए ऐसे आसन का अभ्यास करना शामिल है जो पाचन को उत्तेजित करते हैं, पेट के अंगों की मालिश करते हैं और विश्राम को बढ़ावा देते हैं। यहां पांच मुख्य योगासन (Yoga for Digestion) हैं जो पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं:
पवनमुक्तासन (Pavanamuktasana)
यह आसन पेट को धीरे से दबाकर और पाचन अंगों की मालिश करके गैस और सूजन को कम करने में मदद करता है। अपनी पीठ के बल लेटें और अपने घुटनों को अपनी छाती की ओर लाएँ, अपने हाथों को उनके चारों ओर पकड़ें। कुछ सांसों के लिए इसी मुद्रा में रहें, फिर छोड़ें। आवश्यकतानुसार दोहराएँ।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Ardha Matsyendrasana)
यह मोड़ने वाला आसन पेट के अंगों की मालिश करके पाचन को उत्तेजित करता है और पाचन तंत्र में ब्लड के प्रवाह में सुधार करता है। अपने पैरों को फैलाकर बैठें, अपने दाहिने घुटने को मोड़ें और अपने दाहिने पैर को अपने बाएं घुटने के बाहर रखें। अपनी बाईं कोहनी को अपने दाहिने घुटने के बाहर रखते हुए दाईं ओर मुड़ें। मुद्रा बनाए रखें, फिर करवट बदलें।
पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)
यह आगे की ओर झुकने वाला आसन रीढ़ की हड्डी को खींचता है, पेट के अंगों की मालिश करता है और पाचन को उत्तेजित करता है। अपने पैरों को फैलाकर फर्श पर बैठें, अपनी रीढ़ की हड्डी को लंबा करते हुए सांस लें, फिर कूल्हों से आगे की ओर मुड़ते हुए अपने पैरों की ओर पहुंचते हुए सांस छोड़ें। कुछ सांसों के लिए इसी मुद्रा में रहें, फिर छोड़ें।
भारद्वाजासन (Bharadvajasana)
यह आसन पेट के अंगों की धीरे-धीरे मालिश करके पाचन में सुधार करता है। अपने पैरों को फैलाकर फर्श पर बैठें, अपने घुटनों को मोड़ें और उन्हें बाईं ओर शिफ्ट करें, अपने बाएं पैर को अपने दाहिने कूल्हे के बाहर रखें। दाईं ओर मुड़ें, अपने दाहिने हाथ को अपने पीछे फर्श पर रखें और अपने बाएं हाथ को अपने दाहिने घुटने पर रखें। मुद्रा बनाए रखें, फिर करवट बदलें।
बालासन (Balasana)
यह योग मुद्रा विश्राम को बढ़ावा देती है और तनाव से राहत दिलाने में मदद करती है, जो पाचन को प्रभावित कर सकती है। फर्श पर घुटने टेकें, अपनी एड़ियों के बल बैठें और आगे की ओर झुकें, अपने माथे को जमीन पर टिकाएं और अपनी बाहों को अपने सामने या अपने शरीर के साथ फैलाएं। गहरी, लयबद्ध साँस लेने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, कई साँसों तक इस मुद्रा में बने रहें।
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