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Yoga For Legs: अपने दिन की शुरुआत इन योगासनों से करें, पैर होंगे मजबूत

Yoga For Legs

Yoga For Legs: पैरों की मजबूती बेहद जरूरी है। पैर हमें सहारा देते हैं और चलने तथा दौड़ने में मदद करते हैं। यह जरुरी है कि हम बेहतर लचीलेपन और गतिशीलता के लिए पैर (Yoga For Legs) की मांसपेशियों की ताकत में सुधार पर काम करें। वर्कआउट रूटीन के साथ दिन की शुरुआत करने के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा है। योग से दिन की शुरुआत करने से तरोताजा और स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। यहां पांच योग आसन हैं जो पैरों की ताकत और लचीलेपन को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।

Yoga For Legsयोद्धा मुद्रा

खड़े होने की यह शक्तिशाली मुद्रा कूल्हे के लचीलेपन को बढ़ाते हुए क्वाड्रिसेप्स, हैमस्ट्रिंग और पिंडलियों को मजबूत बनाती है। एक पैर को 90 डिग्री के कोण पर मोड़कर और दूसरे को पीछे की ओर बढ़ाकर मुद्रा को पकड़कर, योद्धा मुद्रा पैरों को गहराई से जोड़ता है। यह कूल्हे के फ्लेक्सर्स को भी फैलाता है, जिससे संतुलन और स्थिरता में सुधार होता है।

Yoga For Legsचेयर पोज़

उत्कटासन या चेयर पोज़ को “भयंकर मुद्रा” के रूप में भी जाना जाता है। यह जांघों, पिंडलियों और टखनों को मजबूत बनाता है। इसमें अभ्यासकर्ता को पीछे “बैठना” पड़ता है जैसे कि एक काल्पनिक कुर्सी पर, शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियों को तीव्रता से शामिल करना होता है। यह आसन सहनशक्ति बढ़ाता है और टखनों और घुटनों में लचीलेपन को बढ़ावा देते हुए ग्लूट्स और पीठ के निचले हिस्से को मजबूत करता है।

Yoga For Legsत्रिकोणासन

जांघों और घुटनों को मजबूत करते हुए हैमस्ट्रिंग, कमर और पिंडलियों को फैलाने के लिए त्रिकोण मुद्रा उत्कृष्ट है। यह शरीर को बगल में खींचकर कूल्हों और रीढ़ की हड्डी में लचीलेपन को भी बढ़ाता है। यह आसन पैरों की समग्र शक्ति, संतुलन और लचीलेपन में सुधार करता है, जिससे यह धावकों और एथलीटों के लिए आदर्श बन जाता है।

ब्रिज पोज़

ब्रिज पोज़ मुख्य रूप से ग्लूट्स, हैमस्ट्रिंग और पिंडलियों को लक्षित करता है। जब कूल्हों को जमीन से ऊपर उठाया जाता है, तो निचले शरीर की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं और मजबूत होती हैं। यह मुद्रा कूल्हे के फ्लेक्सर्स और पीठ के निचले हिस्से को भी खींचती है, जिससे लचीलेपन में सुधार होता है। यह पैरों और पीठ के निचले हिस्से में तनाव से राहत दिलाने में फायदेमंद है।

Adho Mukha Svanasanaअधो मुख संवासन

यह क्लासिक योग मुद्रा पिंडलियों से लेकर हैमस्ट्रिंग और क्वाड्रिसेप्स तक पूरे पैर को फैलाती और मजबूत करती है। यह टखने के लचीलेपन में भी सुधार करता है और निचले अंगों में सर्कुलेशन को बढ़ाता है। इस मुद्रा को धारण करने से सहनशक्ति बढ़ती है और तंग पिंडलियों और हैमस्ट्रिंग से तनाव से राहत मिलने पर पैरों की समग्र ताकत बढ़ती है।

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