Yoga For Liver Health: योग शरीर को बहुत लाभ पंहुचाता है। विशेषकर लीवर के लिए। विशिष्ट योग मुद्राओं (Yoga For Liver Health) का नियमित अभ्यास ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है और डेटोक्सिफिकेशन प्रोसेस को सुविधाजनक बनाकर लीवर बेहतर तरीके से काम करे यह सुनिश्चित करता है। कपालभाति, अर्ध मत्स्येंद्रासन और भुजंगासन जैसे आसन विशेष रूप से लीवर का फंक्शन ही ठीक करते हैं।
योग से जो स्टिमुलेशन होता है वह फैट के मेटाबॉलिज़्म और पित्त के उत्पादन में सहायता करती है, जो पाचन और डेटोक्सिफिकेशन के लिए आवश्यक है। कुल मिलाकर, योग लीवर (Yoga For Liver Health) को स्वस्थ बनाए रखने, सूजन को कम करने और लीवर की बीमारियों को रोकने में मदद करता है, जिससे आपका संपूर्ण स्वास्थ्य बेहतर रहता है। आज हम इस आर्टिकल में आपको पांच ऐसे योगासनों के बारे में बताएँगे जिसको करने से आपका लीवर हमेशा स्वस्थ और पाचन क्रिया हमेशा दुरुस्त रहती है। आइये डालते हैं एक नजर:
कपालभाति प्राणायाम (Kapalbhati Pranayama)
साँस लेने की इस तकनीक में ज़ोरदार साँस छोड़ना और उसके बाद निष्क्रिय साँस लेना शामिल है। कपालभाति (Yoga For Liver Health) करने से लीवर उत्तेजित होता है, लीवर में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ती है और टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है। यह प्राणायाम पेट की मांसपेशियों को भी मजबूत करता है जो लीवर की मालिश करने में मदद करती हैं।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Ardha Matsyendrasana)
यह योग मुद्रा (Yoga For Liver Health) लीवर की फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाती है और पेट के अंगों की मालिश करती है। यह लीवर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और पोषक तत्वों को संसाधित करने की क्षमता में सुधार करने में मदद करता है। फर्श पर पैर फैलाकर बैठें। एक पैर को दूसरे पैर के ऊपर क्रॉस करें, पैर को विपरीत घुटने के पास रखें। अपने धड़ को उठे हुए घुटने की ओर मोड़ें, मोड़ को गहरा करने के लिए घुटने के बाहरी हिस्से पर ज़ोर देने के लिए अपनी विपरीत भुजा का उपयोग करें।
भुजंगासन (Bhujangasana)
धड़ के अगले हिस्से को खींचकर और छाती को खोलकर, यह मुद्रा न केवल रक्त और ऑक्सीजन के परिसंचरण में सुधार करती है, बल्कि धीरे-धीरे लीवर (Yoga For Liver Health) को भी संकुचित करती है, जिससे उसकी कार्यक्षमता बढ़ती है। अपने पेट के बल लेटें, अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे फर्श पर रखें और अपनी निचली पसलियों को फर्श पर रखते हुए धीरे से अपनी छाती को ऊपर उठाएं।
धनुरासन (Dhanurasana)
यह मुद्रा प्रभावी रूप से लीवर (Yoga For Liver Health) और अन्य पाचन अंगों की मालिश करती है, उनके कार्य में सुधार करती है। अपने पेट के बल लेटें, अपने घुटनों को मोड़ें और अपनी एड़ियों को पकड़ें। अपनी जांघों और छाती को ज़मीन से ऊपर उठाएं, अपने हाथों से पीछे खींचें, अपने शरीर से धनुष का आकार बनाएं।
बालासन (Balasana)
हालाँकि यह मुद्रा सौम्य है, यह आराम देने और लीवर (Yoga For Liver Health) क्षेत्र को धीरे-धीरे खींचने के लिए बहुत अच्छा है। घुटनों के बल बैठने की स्थिति से, अपने शरीर के बाकी हिस्सों को नीचे और आगे की ओर खींचते हुए अपने नितंबों को अपनी एड़ियों की ओर नीचे करें। अपने माथे को फर्श पर टिकाते हुए, अपनी पीठ पर खिंचाव बढ़ाने के लिए अपनी भुजाओं को आगे की ओर फैलाएँ।
इन आसनों को अपनी नियमित योग दिनचर्या में शामिल करने से रक्त प्रवाह को बढ़ाकर, डेटोक्सिफिकेशन की सुविधा और तनाव को कम करके लीवर को ठीक रखते हैं। इन आसनों को हमेशा उचित तकनीक के साथ और किसी डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही करना सुनिश्चित करें, खासकर यदि आपको कोई पुरानी बीमारी हो।
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