Russia-Ukraine War: यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध को तीन साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन अब इस संघर्ष ने एक नया मोड़ ले लिया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने एक सनसनीखेज बयान देते हुए कहा है कि अगर उनके देश को NATO (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) में शामिल किया जाता है, तो वह अपने पद से इस्तीफा देने को तैयार हैं। यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका और रूस के बीच एक उच्चस्तरीय वार्ता होने जा रही है, जिससे यूक्रेन की सुरक्षा और उसकी रणनीतिक स्थिति को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। जेलेंस्की के इस प्रस्ताव ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है।
जेलेंस्की बोले–NATO की सदस्यता के बदले दूंगा इस्तीफा
कीव में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जेलेंस्की ने यूक्रेन को NATO में शामिल करने के बदले अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी।
बता दें कि जेलेंस्की का यह बयान सीधे तौर पर अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए एक संदेश माना जा रहा है कि वह यूक्रेन की सुरक्षा की गारंटी चाहते हैं और इसके बदले वह किसी भी कीमत पर समझौता करने को तैयार हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उनका प्रस्ताव सिर्फ एक रणनीतिक बयान है या वह वास्तव में इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं।
जेलेंस्की को ‘तानाशाह’ तक कह चुके हैं ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रूथ सोशल’ पर जेलेंस्की पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने लिखा था कि”जरा सोचिए, एक मामूली सफल कॉमेडियन वोलोदिमिर जेलेंस्की ने अमेरिका को 350 बिलियन डॉलर खर्च करने के लिए उकसाया, ताकि वह एक ऐसे युद्ध में जा सके जिसे जीता नहीं जा सकता था, जिसे कभी शुरू ही नहीं करना चाहिए था।”
क्या है NATO?
NATO, यानी नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन, 31 देशों का एक सैन्य गठबंधन है, जो अपने सदस्य देशों की सुरक्षा की गारंटी देता है। NATO की नीति के तहत यदि किसी एक सदस्य देश पर हमला होता है, तो यह माना जाता है कि सभी सदस्य देशों पर हमला हुआ है और वे मिलकर जवाब देंगे।
NATO पर क्यों अड़ा हुआ है यूक्रेन, रूस को क्या है ऐतराज?
बता दें कि यूक्रेन काफी समय से NATO में शामिल होने की कोशिश कर रहा है, लेकिन रूस इसका कट्टर विरोधी है। रूस का कहना है कि यदि यूक्रेन NATO का हिस्सा बनता है, तो यह उसकी सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा होगा। इसी कारण रूस ने 2022 में यूक्रेन पर हमला किया और आज तक यह जंग जारी है। वहीं, NATO के विस्तार को लेकर रूस का मानना है कि इससे पश्चिमी देशों का प्रभाव उसके बॉर्डर तक पहुंच जाएगा, जिससे उसकी सुरक्षा कमजोर हो जाएगी। यही वजह है कि वह लगातार धमकी दे रहा है कि अगर यूक्रेन NATO में शामिल हुआ, तो इसके गंभीर नतीजे होंगे।
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