चीन समेत अन्य देशों में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या ने एक बार फिर दुनिया की टेंशन बढ़ा दी है।
कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के बाद भारत समेत कई देशों ने एक बार फिर एयरपोर्ट्स पर कोरोना टेस्टिंग समेत कई बातों का पालन करने की हिदायत दी है।
इन सबके बीच केंद्र की ओर से कोरोना बूस्टर डोज को लेकर एक अहम अपडेट दिया गया है। यह स्पष्ट किया गया है कि कोरोना रोगियों की बढ़ती संख्या में अतिरिक्त कोरोना बूस्टर खुराक की आवश्यकता नहीं है। सरकार पहले चल रहे बूस्टर डोज ड्राइव को पूरा करना चाहती है।
24 घंटे में 134 मरीज रिकॉर्ड हुए
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में पिछले 24 घंटे में 134 नए मामले सामने आए हैं। देश में इस समय कोरोना के 2,582 सक्रिय मरीज दर्ज किए गए हैं।
वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से स्पष्ट किया गया है कि देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 220.11 करोड़ टीके की खुराक (95.13 करोड़ दूसरी खुराक और 22.41 करोड़ बूस्ट खुराक) दी जा चुकी है।
चार से छह महीने में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है
एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि कोरोना वैक्सीन से शरीर में बनने वाली रोग प्रतिरोधक क्षमता आमतौर पर चार से छह महीने में कम हो जाती है। चूंकि भारत की एक बड़ी आबादी पहले ही इस समय सीमा को पार कर चुकी है, इसलिए विशेषज्ञों का मानना है कि बूस्टर खुराक देने की प्रक्रिया पर जोर देने की जरूरत है।
भारत में पहला बूस्टर डोज जनवरी 2022 में एक साल पूरा करते हुए दिया गया था। ऐसे मामलों में, अतिरिक्त बूस्टर खुराक प्राप्त करने वाली आबादी को एक और बूस्टर खुराक दी जानी चाहिए।
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