‘भगवी बिकिनी में एक्ट्रेस को नचाते है और फिर..’, बेशरम रंग गाने पर भड़के मुकेश खन्ना

शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की पठान रिलीज से पहले ही विवादों में घिर चुकी है। इस फिल्म का गाना बेशरम रंग रिलीज होने के बाद फिल्म को लेकर कई तरह की बातें कही गई हैं। कई राजनेताओं और हिंदू संगठनों ने फिल्म में दीपिका की भगवा बिकनी पर सवाल उठाए हैं। पठान के निर्माता सुन रहे हैं कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म में कुछ बदलावों का सुझाव दिया है।
तो यहां मुकेश खन्ना ने ‘पठान’ के बेशरम रंग गाने पर फिर आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने फिल्म के बहिष्कार की मांग का भी समर्थन किया है।
पठान फिल्म की रिलीज डेट भले ही नजदीक आ रही हो लेकिन विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं बल्कि आए दिन नए नए विवाद खड़े हो रहे हैं।
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मुकेश खन्ना ने एक नया व्लॉग शेयर किया है, जिसमें उन्होंने हिंदी फिल्मों में बार-बार भगवान का मजाक उड़ाने पर नाराजगी जताई है। इसमें उन्होंने पीके, काली, लक्ष्मी, आदिपुरुष फिल्मों के नाम बताए हैं। इसके बाद उन्होंने कहा है कि शाहरुख खान की फिल्म पठान का गाना बेशरम रंग अश्लीलता की सारी हदें पार कर चुका है।
मुकेश खन्ना ने निर्माताओं से पूछा है, ”यह क्या है? क्या यह विवाद पैदा करने का तरीका है? ये लोग सोचते हैं कि पहले विवाद करो, फिर लोग विवाद को हवा देंगे, और फिर आपको खूब पब्लिसिटी मिलेगी, लोग फिल्म देखने जाएंगे। मैं जानता हूं कि इन प्रोड्यूसर्स की यही मंशा है। सभी ने हिंदुत्व को सॉफ्ट टारगेट बना लिया है। बेशर्म रंग गीतों के कारण ‘पठान’ के बहिष्कार की मुहिम चल रही है, मैं इसका समर्थन करता हूं। इस गाने का बहिष्कार किया जाना चाहिए।”
इतना ही नहीं मुकेश खन्ना ने सेंसर बोर्ड को और ज्यादा जागरूक रहने की सलाह दी है. ताकि कोई प्रोड्यूसर हिंदुत्व से खिलवाड़ ना कर सके। उनका कहना है, “सेंसर बोर्ड के अधिकारियों को अगर हिंदू धर्म का ज्ञान नहीं है तो उन्हें पहले वहां से हटाया जाना चाहिए. दीपिका की बिकिनी का भगवा रंग बदल गया होगा, इसलिए कोई प्रोड्यूसर आगे बढ़कर ऐसी बेशर्मी नहीं करेगा। “ये लोग तभी समझेंगे जब वे हारेंगे।”
मुकेश खन्ना ने इंस्टा पर लिखा- ”आप हीरोइन को भगवा बिकिनी में नचाते हैं। इतना ही नहीं बल्कि आप जूम करके लोगों को “देखो देखो ये बिकिनी जोगिया रंग की” इतनी अभद्रता और अश्लीलता दिखाते हैं। और तो और, गीत के बोल बोलकर, बेशर्म रंग.. यह हिंदू धर्म और भगवा के पवित्र रंग का शुद्ध अपमान है। इतनी दुस्साहस के बाद भी क्या अब भी उम्मीद है कि इस रंग को पवित्र मानने वाले हिन्दुओं के खिलाफ नहीं खड़े होंगे???? जरूर खड़े होंगे और खड़े हैं।
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