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भूपेंद्र पटेल की गुजरात में दूसरी बार कमान; जानें उनका राजनीतिक सफर

भूपेंद्र पटेल लगातार दूसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने हैं। आज उन्होंने गांधीनगर में राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। भूपेंद्र पटेल के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। 
मृदुभाषी चेहरे भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में, भाजपा ने हाल ही में हुए चुनावों में प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को हराकर भारी बहुमत हासिल किया। बीजेपी के एक समर्पित कार्यकर्ता भूपेंद्र पटेल ने नगरपालिका स्तर से राज्य की राजनीति में अपनी जगह बनाई।
जब पार्टी ने पिछले साल राज्य में पूरी सरकार में फेरबदल करने का फैसला किया, तो भूपेंद्र पटेल के मुख्यमंत्री के रूप में चुनाव ने सभी को चौंका दिया। पार्टी ने विजय रूपाणी की जगह भूपेंद्र पटेल को उतारा था। भूपेंद्र पटेल ने मुख्यमंत्री पद की दौड़ में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल समेत कई अन्य को मात दी थी। 
सितंबर 2021 में मुख्यमंत्री बनने से पहले अहमदाबाद के बाहर भूपेंद्र पटेल को बहुत कम लोग जानते थे। पार्टी के भीतर भी ज्यादा लोग उन्हें नहीं जानते थे। गुजरात में खुद को नेता के तौर पर स्थापित करने के लिए उन्होंने कड़े फैसले लिए हैं। बीजेपी ने पहले घोषणा की थी कि अगर पार्टी को बहुमत मिलता है तो भूपेंद्र पटेल राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे।
एक ‘ओपिनियन पोल’ में वे गुजरात का नेतृत्व करने के लिए लोगों की पहली पसंद बनकर उभरे। गुजरात में पाटीदार जाति का वर्चस्व है और बड़ी संख्या में मतदाता हैं और राज्य की राजनीति पर प्रभाव है। इनका प्रभाव शिक्षा, रियल एस्टेट और सहकारी क्षेत्र पर है।
पाटीदार आरक्षण आंदोलन के कारण 2017 में भाजपा को 99 सीटों का नुकसान हुआ था। पार्टी ने 1995 के बाद से सबसे कम सीटें जीतीं। पार्टी के लिए इस वर्ग का विश्वास जीतना जरूरी था। पार्टी ने पाटीदारों के ‘केदवा’ उप-समूह से भूपेंद्र पटेल को बढ़ावा देकर और फिर उन्हें मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाकर ‘केदवा’ पाटीदार समुदाय को लुभाने की योजना बनाई थी।
कुछ राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मत है कि यह समाज पार्टी से दूर चला गया है। अहमदाबाद में जन्मे भूपेंद्र पटेल घाटलोडिया निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं। इस सीट से पहले पूर्व मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल विधायक थीं। भूपेंद्र पटेल ने 2017 में इस सीट पर 1.17 लाख वोटों से जीत दर्ज की थी।
गुरुवार को घोषित नतीजों के मुताबिक भापेंद्र पटेल ने घाटलोडिया सीट पर अपनी पकड़ बरकरार रखी है. पटेल ने घाटलोडिया सीट पर 1.92 लाख वोटों से जीत दर्ज की है. यह सीट गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है, जिसका प्रतिनिधित्व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करते हैं। भूपेंद्र पटेल को कई लोग प्यार से ‘दादा’ कहते हैं। उन्हें आनंदीबेन पटेल का करीबी माना जाता है।
भूपेंद्र पटेल 2015-2017 के दौरान अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण के प्रमुख थे। इससे पहले, वह 2010 और 2015 के बीच अहमदाबाद नगर निगम स्थायी समिति के अध्यक्ष थे। सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने वाले भूपेंद्र पटेल के करीबी लोगों का कहना है कि वह खुशमिजाज और जमीन से जुड़े हैं।
विधानसभा चुनाव लड़ने से पहले, वह स्थानीय स्तर पर सक्रिय थे और अहमदाबाद जिले में मेमनगर नगर निगम के सदस्य बने। उन्होंने दो बार प्रमुख के रूप में कार्य किया। भूपेंद्र पटेल सरदार धाम विश्व पाटीदार केंद्र के ट्रस्टी भी हैं। यह संस्था पाटीदार समुदाय के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए समर्पित है।
पटेल ने हेतलबेन से शादी की है जो एक गृहिणी हैं। उनका आवास अहमदाबाद के शिलाज इलाके में है। वे क्रिकेट और बैडमिंटन जैसे खेलों के साथ-साथ आध्यात्मिक गतिविधियों को भी पसंद करते हैं।
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