चेहरा जलाया, हड्डियाँ को ग्राइंड किया; श्रद्धा के मर्डर की दर्दनाक कहानी
श्रद्धा मर्डर केस की चार्जशीट पुलिस ने कोर्ट में दाखिल की है। इसमें कई बातें सामने आई हैं। मर्डर के बाद आफताब पूनावाला ने श्रद्धा वॉल्कर के सिर को 3 से 4 महीने तक फ्रिज में रखा। वह अक्सर फ्रिज खोलकर श्रद्धा को याद करने के लिए उनका चेहरा देखता। दरअसल, वह श्रद्धा का सिर बिल्कुल भी नहीं फेंकना चाहते थे। क्योंकि उसे डर था कि ऐसा करने से हत्या का राज खुल जाएगा। अदालत में दायर इस सनसनीखेज घटना की चार्जशीट में आफताब-श्रद्धा की दोस्ती, प्यार, लड़ाई और हत्या की पूरी कहानी दर्ज की गई है।
आखिर क्या कहा है चार्जशीट में?
आफताब और श्रद्धा का पूरा मामला करीब 6 हजार पन्नों की चार्जशीट में दर्ज किया गया है। वे एक दूसरे से कब और कैसे मिले? दोनों क्यों लिव-इन में रहने लगे? दोनों के बीच लड़ाई क्यों हुई? दोनों मुंबई से दिल्ली क्यों आए? और आफताब ने श्रद्धा को दिल्ली में क्यों मारा? दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। आइए इस चार्जशीट के जरिए समझते हैं श्रद्धा हत्याकांड की पूरी कहानी।
दोस्ती, प्यार फिर लिवइन
आफताब की श्रद्धा से मुलाकात 2018-19 में बम्बल ऐप के जरिए हुई थी। उसके बाद श्रद्धा एक कॉल सेंटर में काम करती थी। धीरे-धीरे दोनों पहले दोस्त बने और फिर प्यार हो गया। लेकिन दोनों के परिवार वाले इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं थे। इसके बाद उन्होंने नई विलेज में एक मकान किराए पर लिया और दोनों साथ रहने लगे। लेकिन कुछ समय बाद दोनों के बीच झगड़ा शुरू हो गया। आफताब दूसरी लड़कियों से भी बात करता था और इस बात को लेकर श्रद्धा अक्सर उससे लड़ती थी।
28-29 मार्च 2022 को मुंबई से निकले
एक बार श्रद्धा ने आफताब के खिलाफ मुंबई पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी। दोनों बाद में अपने रिश्ते को सुधारने के लिए 28-29 मार्च 2022 को मुंबई से रवाना हुए। सबसे पहले दोनों हरिद्वार पहुंचे। फिर ऋषिकेश, देहरादून, मसूरी, मनाली और चंडीगढ़ घूमने के बाद पार्वती घाटी पहुंचे। पार्वती की घाटी में उनकी भेंट बद्री नामक व्यक्ति से हुई। जो दिल्ली के महरौली के छतरपुर पहाड़ी इलाके में रहता था।
16 मई, 2022 – दिल्ली
करीब डेढ़ महीने तक उत्तराखंड, पंजाब और हिमाचल घूमने के बाद आफताब और श्रद्धा 5 मई 2022 को बद्री के घर छतरपुर पहाड़ी पहुंचे। दोनों करीब आठ से दस दिन वहां रहे। दोनों के बीच अक्सर मारपीट होती रहती थी। दोनों के बीच इस लड़ाई को देखकर बद्री ने उन्हें घर से निकल जाने को कहा। इसके बाद 16 मई 2022 को दोनों ने छतरपुर हिल स्थित एक प्रापर्टी डीलर के माध्यम से पहली मंजिल का मकान किराए पर ले लिया।
17 मई 2022- श्रद्धा गुरुग्राम गयी
मुंबई से आने के बाद दो महीने तक दोनों के पास कोई काम नहीं था। अधिकांश पैसा खर्च हो गया। क्रेडिट कार्ड से ही जरूरी खर्चे किए। इसी बात को लेकर दोनों के बीच झगड़ा होता रहता था। 17 मई 2022 को श्रद्धा अपनी एक दोस्त से मिलने गुरुग्राम गई थीं। लेकिन उस रात वह वापस नहीं लौटी। वह अगले दिन यानी 18 मई को दोपहर 2 बजे गुरुग्राम से घर लौटी। इस मुद्दे पर आफताब और श्रद्धा फिर से लड़े। लेकिन कुछ देर बाद दोनों शांत हो गए। फिर जोमैटो से लंच ऑर्डर किया।
18 मई 2022 को हत्या को अंजाम दिया गया
उस दिन शाम 6 से 6.30 बजे के बीच श्रद्धा ने आफताब को वसई चलने को कहा, ताकि वह वहां किराए के मकान से अपना सामान दिल्ली ला सके। आफताब का वसई जाने का टिकट भी लिया था। लेकिन आफताब ने इस आधार पर वसई जाने से इनकार कर दिया कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है। श्रद्धा और आफताब का फिर झगड़ा हो गया। श्रद्धा गुस्से में आफताब को गालियां देने लगीं। इस पर आफताब ने श्रद्धा को पकड़कर जमीन पर पटक दिया। फिर उसकी छाती पर बैठकर दोनों हाथों से तब तक गला दबाता रहा जब तक कि उसकी मौत नहीं हो गई।
श्रद्धा के शव को काटा
फिर उसने श्रद्धा के शव को घर के बाथरूम में छिपा दिया। हत्या के बाद आफताब ने श्रद्धा के शव को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर एक बड़े ब्रीफकेस में डालकर कहीं फेंकने का फैसला किया। इसके बाद उसने एक आरी और उस आरी के तीन ब्लेड खरीदे। उसके बाद उसी रात सबसे पहले श्रद्धा की कलाई काटी। कलाई को बाथरूम में ही पॉलीथिन में रखा।
19 मई 2022
अगले दिन यानी 19 मई को आफताब ने छतरपुर से ही कचरा बैग, चाकू और चॉपर खरीदा। उसने चाकू बैग में रखा और बैग को पीठ पर टांग कर वापस घर की ओर चलने लगा तभी बैग में रखे चाकू की धार उसकी दाहिनी बांह पर बने टैटू से जा टकराई। नतीजतन हाथ में चोट लग गई और खून बहने लगा। इसके बाद वह डॉक्टर के पास गए और उनके हाथ में पांच टांके लगे।
फ्रिज मंगवाया और दोनों पैर काट दिए
इसके बाद आफताब छतरपुर की एक दुकान पर पहुंचा और वहां से फ्रिज खरीद लिया। उसके लिए उसने सिटी बैंक के क्रेडिट कार्ड से 25 हजार रुपये का भुगतान किया। दुकानदार ने 19 मई की शाम को फ्रिज घर भेज दिया था। शाम को फ्रिज आने के बाद आफताब ने श्रद्धा के दोनों पैर काट दिए। फिर उन्हें कूड़ेदान में डाल दिया।
खून को साफ करने के लिए सामान मंगाया
इसके बाद उन्होंने बिलिंकिट शॉपिंग ऐप से हार्पिक टॉयलेट क्लीनर की दो बोतलें, ब्लीच की 500 ML की बोतलें खरीदीं। दो बोतल साबुन, एक चॉपिंग बोर्ड, दो बोतल ग्लास क्लीनर, एक गोदरेज हैंड वॉश का ऑर्डर दिया। इसके लिए उसने सिटी बैंक के क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया था। 19 मई की रात करीब 10.30 बजे जब सारा सामान आ गया तो उसने बाथरूम के फर्श को पूरी तरह से साफ कर दिया।
20 मई 2022- महरौली से बड़ा बैग उठाया
श्रद्धा की हत्या के तीसरे दिन 20 मई को आफताब ने महरौली बाजार से एक बड़ा लाल बैग खरीदा। इस बैग के लिए उसने 2 हजार रुपए गूगल पे के जरिए पे किये थे। लाश के सारे टुकड़े इस बैग में डालने के बाद आफताब ने सोचा कि इस बैग को कहीं फेंक दिया जाए। लेकिन बड़ा बैग और वजन होने के कारण पकड़े जाने का डर ज्यादा था। इसीलिए उसने अपना मन बदल लिया। अब उसने तय किया कि वह धीरे-धीरे कचरे के थैलों में छोटे-छोटे टुकड़े डालकर शव को ठिकाने लगा देगा।
श्रद्धा के शव के टुकड़े-टुकड़े
इसके बाद हत्या के तीसरे दिन उसने श्रद्धा का सिर और बाकी शरीर काट दिया। पेट की आंतों को निकालकर अलग पॉलीथिन में रखा और घर के पास कोने में खड़े बड़े कूड़ेदान में फेंक दिया। उसने ब्लो टॉर्च से श्रद्धा की उंगलियां जला दीं और उसे घर के पास सड़क के किनारे फेंक दिया। जांघ और पीठ के निचले हिस्से के अंगों को घर के पास कब्रिस्तान के पास जंगल में फेंक दिया। एक हाथ का अंगूठा धान मील की दीवार के पास फेंका था, हाथ और शरीर के कुछ अन्य टुकड़े नॉर्थ ईस्ट एन्क्लेव के पीछे जंगल में फेंके थे, जबकि दूसरी जांघ को गुड़गांव की ओर जाने वाले एमजी रोड पर हंड्रेड फीट रेड लाइट के पास फेंका।
हड्डियों को ग्राइंडर में पीसकर पाउडर बना लेता था
वह शरीर के अलग-अलग हिस्सों को जंगल में फेकता था, लेकिन वह जानता था कि वह हड्डियों को कोई पकड़ लेगा। इसलिए बाद में उसने पहले हड्डियों को जलाया और फिर पानी से आग बुझाई। इसके बाद मार्बल ग्राइंडर का इस्तेमाल कर पाउडर बनाया। बाद में हंड्रेड फुट रोड के किनारे जगह-जगह बोन पाउडर फेंका दिया।
सितम्बर 2022 – ब्लो टोर्च से चेहरा जलाया
श्रद्धा के मर्डर को तीन-चार महीने हो चुके थे। लेकिन श्रद्धा का सिर, धड़ और हाथ अभी भी उसके फ्रिज के फ्रीजर में रखे हुए थे। आफताब को डर था कि कहीं सिर, धड़ और हाथ खुले में न आ जाएं। इसलिए वह बाहर नहीं फेंक रहा था। करीब चार महीने बाद सितंबर 2022 में उसने ब्लो टॉर्च से श्रद्धा के सिर और चेहरे को जलाकर क्षत-विक्षत करने की कोशिश की। उसके बाल काटे दिए। इसके बाद दोनों हाथ व धड़ को छतरपुर परिक्षेत्र के जंगल में फेंक दिया। यानी श्रद्धा के मर्डर के बाद आफताब ने उसके शरीर के अंगों को चार महीने तक छुपा के रखा।
श्रद्धा का मोबाइल मुंबई में फेंक दिया था
इस बीच श्रद्धा का फोन लगातार आफताब के पास था। वह श्रद्धा के फोन पर आने वाले हर मैसेज का जवाब खुद श्रद्धा बनकर दे रहा था। श्रद्धा ने अपने होठों पर स्टड्स पहने थे। हत्या के बाद आफताब ने स्टड निकालकर एक डिब्बे में रख दिया। बाद में उसने श्रद्धा का मोबाइल फोन उसी डिब्बे में रख दिया। इसके बाद वह इस डिब्बे को लेकर दिल्ली से मुंबई चला गया। उसने उस बॉक्स को मुंबई में चल रही ट्रेन से मीरा भायंदर की खाई में फेंक दिया था।
मैं रोज श्रद्धा का चेहरा देखता था
चार्जशीट की पूरी कहानी में कहा गया है कि 18 मई को श्रद्धा की हत्या करने के बाद अगले चार महीने तक श्रद्धा के सिर और चेहरे को उसी फ्रीजर में रखा गया जिसे आफताब रोज इस्तेमाल करता था। स्वाभाविक रूप से, फ्रिज खोलते समय उसे अक्सर श्रद्धा का चेहरा दिखाई देता था।
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