गलवान घाटी में भारत-चीन सैन्य झड़प की घटना दोहराई गई है। 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में एक बार फिर भारत-चीन के सैनिक भिड़ गए। इसमें 30 जवानों के घायल होने की बात कही गई। अब इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान दिया है। (‘कोई मौत नहीं, कोई बड़ी चोट नहीं’: LAC झड़पों पर लोकसभा में राजनाथ)
राजनाथ सिंह ने कहा कि नौ दिसंबर 2022 को पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) के सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के तवांग सेक्टर के यांग इलाके में घुसपैठ की कोशिश की। भारतीय सेना ने चीनी सेना की घुसपैठ का बहादुरी से प्रतिकार किया। इस समय दोनों पक्षों की सेनाओं में संघर्ष हो रहा था। भारतीय सेना ने वीरतापूर्वक शत्रु सेना को पीछे हटने पर विवश कर दिया। इस संघर्ष में दोनों पक्षों के सैनिक घायल हो गए। लेकिन एक भी जवान शहीद नहीं हुआ और कोई गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ।
इस बीच इस घटना के बाद 11 दिसंबर को स्थानीय कमांडर ने फ्लैग मीटिंग की। साथ ही चीनी सेना को ऐसी घुसपैठ रोकने को कहा है। राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी सेना सीमा की रक्षा के लिए तैयार है और सेना की वीरता पर सभी को भरोसा है।
सूत्रों ने कहा कि 9 दिसंबर को तवांग की यांग्त्ज़ी सीमा में 600 चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों की झड़प हुई थी। एक रक्षा अधिकारी ने मुठभेड़ की रिपोर्ट की पुष्टि की, लेकिन ब्योरा देने से इनकार कर दिया। अधिकारी ने दावा किया कि मुठभेड़ में भारतीय सैनिकों की तुलना में चीनी सैनिक अधिक घायल हुए हैं। मुठभेड़ में, कुछ भारतीय जवानों को गंभीर चोटें आईं और कहा जाता है कि गुवाहाटी के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।
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