बॉलीवुड के हीरो नंबर 1 इंडस्ट्री के एक ऐसे अभिनेता हैं, जिन्हें जब पर्दे पर देखा जाएगा तो लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने से नहीं चूकेंगे। 90 के दशक के सबसे लोकप्रिय कॉमेडी हीरो के रूप में गोविंदा को कोई रोक नहीं सकता था। लेकिन गोविंदा को ब्लॉकबस्टर हीरो के तौर पर जाना जाता है जिन्होंने तीनों खान को हराया था। आइए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ खास बातें।
व्यक्तिगत जीवन
गोविंदा के पिता अरुण कुमार आहूजा अपने समय के मशहूर कलाकार थे। उनकी 30-40 फिल्में रिलीज हुईं। उनकी मां निर्मला देवी शास्त्रीय गायिका थीं। उन्होंने उन फिल्मों के लिए पार्श्व गायन भी किया। ग्रेजुएशन के बाद गोविंदा ने कई जगहों पर काम किया था। 80 के दशक में उन्हें एल्विन नाम की एक कंपनी में नौकरी का विज्ञापन मिला और उनकी किस्मत बदल गई। उन्होंने साल 1986 में फिल्म इल्जाम से इंडस्ट्री में कदम रखा और पहली ही फिल्म से पॉपुलर हो गए।
50 फिल्में साइन
गोविंदा इंडस्ट्री में एक हीरो हैं, जिनकी ज्यादातर फिल्में ब्लॉकबस्टर होती हैं। गोविंदा जो उस वक्त कर रहे थे वो तीनों खान भी नहीं कर पाए। गोविंदा 22 साल की उम्र में सुपरहिट हुए थे। एक समय था जब गोविंदा को कोई नहीं जानता था और उन्होंने 22 साल की उम्र में 50 फिल्में साइन की थीं। उन्होंने अपने करियर में 165 से ज्यादा फिल्में की हैं।
थिएटर के बाहर कतार
लोग गोविंदा की फिल्मों को इतना पसंद करते हैं कि लोग उनके लिए सिनेमाघरों के बाहर लाइन लगाते थे। इस भीड़ को देखकर ही लोगों को पता चल जाएगा कि यह गोविंदा की फिल्म है। ‘राजा बाबू’, ‘शोला और शबनम’, ‘कुली नंबर 1’, ‘दीवाना मस्ताना’, ‘बड़े मिया छोटे मिया’, ‘हीरो नंबर 1’, ‘हसीना मान जाएगी’, ‘साजन चले ससुराल’, ‘दुल्हे राजा’ ‘ एक के बाद एक सुपरहिट फिल्में दी हैं।
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