डिजिटल प्लेटफॉर्म, स्टार्टअप्स और बहुत कुछ; जानिए बजट में कृषि क्षेत्र के लिए क्या प्रावधान है?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज पांच साल में मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट पेश किया। इस बजट में निर्मला सीतारमण ने कहा कि कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए पर्याप्त प्रावधान किया जाएगा। निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि इस वित्तीय वर्ष में सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में काम करने वाले नए उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
किसानों के लिए वित्त मंत्री द्वारा उठाए गए ऐलान और मुद्दे
- ‘हरित विकास’ से रोजगार सृजित होगा
- पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जाएंगे
- किसानों के लिए बनेगा डिजिटल प्लेटफॉर्म, किसानों को दी जाएगी ट्रेनिंग
- कपास से अधिक से अधिक लाभ लेने का प्रयास करेंगे
- दालों के लिए विशेष हब बनाया जाएगा
- कृषि से संबंधित स्टार्ट-अप को बढ़ावा देना
- पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा
- प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की घोषणा
- आने वाले वर्षों में सहकारिता मॉडल को प्राथमिकता
- मैट व्यवसाय विकास के लिए 6,000 करोड़ का प्रावधान
- श्री अन्ना अनुसंधान केंद्र, हैदराबाद के लिए विशेष अनुदान की घोषणा
- खाद्य भंडारण विकेन्द्रीकरण योजना लागू की जायेगी
- कृषि स्टार्ट-अप के लिए समर्थन
- छोटी सहकारी समितियों के गठन को प्राथमिकता दी जाती है
- यह कृषि ऋण के लिए बड़ी वित्तीय ताकत देगा
- हरित क्रांति के लिए विशेष योजना
इस साल के बजट में कृषि क्षेत्र के लिए क्या प्रावधान है जानिए विस्तार में ?
- कृषि क्षेत्र के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा. इस प्लेटफॉर्म के जरिए किसानों के साथ-साथ फार्म सेंटरों को भी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इस माध्यम से सिंचाई, स्वास्थ्य, बाजार की जानकारी, बीमा, कृषि उद्योगों के विकास और स्टार्टअप के लिए प्रयास किए जाएंगे।
- जो ग्रामीण क्षेत्र में कृषि क्षेत्र में काम करने के साथ-साथ स्टार्टअप में भी काम करना चाहते हैं, उन्हें विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। उसके लिए विशेष वित्तीय प्रावधान किया जाएगा। इस प्रावधान के माध्यम से किसानों को होने वाली कठिनाइयों का लागत प्रभावी विकल्प खोजने का प्रयास किया जाएगा। नई तकनीक, उत्पादन में वृद्धि, लाभ के लिए भी प्रयास होंगे।
- कपास की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए किसानों, सरकार और उद्यमियों में समन्वय स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा।
- फल उत्पादन बढ़ाने के लिए आत्मनिर्भर क्लीन प्लांट अभियान चलाया जाएगा।
- प्राकृतिक खेती करने के लिए अगले तीन वर्षों में लगभग 1 करोड़ किसानों को विभिन्न रूपों में मदद की जाएगी। इसके लिए 1000 बायो इनपुट रिसर्च सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
- पशुपालन, डेयरी फार्मिंग, मत्स्य पालन को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए दिए जाने वाले कर्ज को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा।
- मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अलावा एक उप-योजना शुरू की जाएगी।
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